दो दोस्त थे , दोनो में गहरी दोस्ती थी, वे जोभी करते एक दूसरे को पूछके करते, साथ घूमाना, साथ खाना , वे दोनो दोस्त कम और भाई ज्यादा लगते, एक दिन एक दोस्त की मां बीमार पड़ गई, वह उसे डॉक्टर के पास ले गया , मां का इलाज तो हो गया था, पर डॉक्टर ने लिखी दवाई लेने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे। वह बहुत परेशान हुवा, और उसने अपने दोस्त को फोन लगाया, और कहा भाई मेरे दोस्त तुम कहा, हो मुझे तुम्हारी मदत चाहिए, मेरी मां बीमार है, उसके दवाई लेने के लिए कुछ पैसे चाहिए, वहा से दोस्त बोला की तुम फिक्र मत करो मैं आता हूं, एक घंटे के बाद पहिले दोस्त ने अपने दोस्त को फोन लगाया, तो उसका फोन बंद आ रहा था। वह हैरान हो गया, बार बार उसे फोन कर रहा था, पर उसका फोन बंद ही आ रहा था। उसके मन में अपने दोस्त के लिए गलत विचार आ रहे थे, एक साथ हम सब कुछ किए , पर आज मैं मुसीबत में हू, और मुझे तेरी जरूरत है, तो तु फोन बंद करके रखा है, बहुत ही गलत सोच अपने दोस्त के खातिर उसके मन में आ रही थी, फिर वह हताश होके किसी और से पैसे मांगने गया , बहुत घुमा , सबके घर गया हात जोड़े , पर किसीने उसे पैसे नही दिए, निराश हो के घर आया तो देखा, मां की दवाई टेबल पर थी , सभी दवाई जो जो उसे चाहिए थी सभी दवाई थी, उसने घर पर पूछा की ये दवाई किसने लाई, घर वाले ने कहा तुम्हारा दोस्त आया था , मां की पर्ची ले गया और दवाई ले आया, यह सुनकर उसके आंखों में आसू आ गए , वह तुरंत उसे मिलने गया , और मिलते ही उसे गले लगाया , सॉरी भी कहा, और बोला मैं तुम्हे कितना फोन कर रहा था , पर तुम्हारा फोन बंद आ रहा था , दूसरा दोस्त बोला की मैने अपना फोन बेच के तुम्हारी मां की दवाई लाई, इसीलिए मेरा फोन नही लग रहा था। वह पहिला दोस्त यह सुनकर रोने लगा उसके आंखों में खुशी के आंसू भी थे , भले मेरे पास कुछ भी नही पर भगवान जैसा दोस्त मेरे पास है। आज मैं दुनिया का सबसे अमीर इंसान हु। यह सुनकर दूसरे दोस्त के आंखों में आंसू आए , दोनो एक दूसरे को गेल लगाकर घर चले गए।
इस कहानी का बोध। आप के पास भले कुछ भी न हो, पर एक ऐसा दोस्त होना जो आपको हर मुसीबत में काम आए, अच्छे वक्त में तो सभी आते है, बुरे वक्त में साथ दे वही सच्चा दोस्त।
!!धन्यवाद!!