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मंगलवार, 5 दिसंबर 2023

MEHANTI BAAP AUR BETE KI KAHANI/ मेहनती बाप और बेटे की कहानी।

 एक बड़ा ही गरीब परिवार था, उसमे एक बेटा बीवी एक मां और वह खुद, रोज मेहनत मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का पेट वह भरता था , वह अकेला ही कमाता था , पूरा परिवार उसी पर निर्भर था , एक दिन उसके बेटे ने जो करीब चार साल का था अपने पिताजी से कहा की मुझे तुम्हारे साथ खेलना है , बाहर घूमने जाना है तुम मुझे कही भी लेके नही जाते खाली काम और काम की करते रहते हो, पिताजी ने कहा की काम नही करूंगा तो तुम्हारा पेट कैसे भरूंगा काम करना ही पड़ेगा तभी तो मैं तुम्हारे लिए पैसे इकट्ठा करके खिलोने लता हूं खाने के लिए चॉकलेट लता हूं, तुम दिन भर इन खिलोनोसे खेलते रहो और मुझे काम।पर जाने दो , बेटे ने कहा की आप दिन भर काम करके कितना पैसा कमाते हो , उसके पिता ने हंस कर बोला दिन भर में मैं १०० रुपया कमाता हूं, इतना बोल कर वह पिता काम पर चला गया , अगले दिन सुबह सुबह पिता से बोला की मुझे एक रुपया चाहिए, पिता ने कुछ भी नही बोलते हुवे उसके हात में एक रुपया दिया और रोज की तरह काम पे चला गया, अगले दिन फिर एक रुपया मांगा, ऐसा रोज करने लगा , एक दिन पिताजी ने कहा की तुम रोज एक रुपया क्यों मांगते हो उसपे बेटा बोला , ऐसे ही मुझे खिलौना खरीदना है इसीलिए , तीन महीनो के बाद अचानक बेटा बोला पिताजी मुझे आज दस रुपए चाहिए यह सुनकर पिता गुस्से में आ गया , और कहा दस रुपए कितने होते है तुम्हे मालूम है, इतनी मेहनत करके मैं केवल दिन भर में १००रुपया कमाता हूं, तुम्हे मै नही दे सकता और यह आदत ठीक नही है, बेटा जिद्द पे अड़ा रहा और रोने लगा की मुझे चाहिए ही चाहिए नही तो मैं कल घर से भाग जावूंगा, वापस कभी नही अवूंगा , पिता ने कहा कल तुम्हे देता हु। रात को घर आते ही उसने अपने हात आगे बढ़ाए और कहा पहिले मुझे १० रुपए दो फिर अंदर जावो नही तो मैं यही से घर के बाहर निकल जवुगा ऐसा कहके वह रोने लगा पिता को अपने बेटे की यह जिद्द पसंद नही आई फिर भी उसे १० रुपए दिए , बच्चा खुश हुवा, पर उसके पिता बहुत क्रोधित हुवे थे उन्होंने अपना गुस्सा अपने पत्नी पे निकाला , घर का माहोल बहुत ही खराब हो गया था , रात को सोते समय बेटे ने अपने पिता को कहा , मेरे पास कुछ है जो मैं आपको देना चाहता हु, पिता गुस्से में था, बेटे ने एक डिब्बा उन्हे दिया पिता ने उसे खोला तो उसमे कुछ चिल्लर थी, बेटे ने कहा पिताजी इसे गिनो , पिता उसके जिद्द के आगे कुछ न कह सका और उसने गिने तो वह सौ रुपए थे, बेटे को बोला यह सौ रुपए है, बेटा बोला ये आप रखलो, कल का एक दिन तुम्हे मेरे साथ गुजरना होगा, यह सुनकर पिता के आंख में आंसू आ गए उसने अपने बेटे को गले लगाया और सॉरी भी बोला । अगले दिन उन दोनो ने अच्छा समय बिताया , बेटा बहुत खुश हुवा और पिता के स्वभाव में भी थोड़ा बदलाव आया । 

इस कहानी का बोध। पैसों के पीछे भागते भागते हैं हमारे बीवी बच्चे समाज इनको अनदेखा करते है, ऐसा लगता है की पैसों से हम सब कुछ खरीद सकते है, पर ऐसा नहीं है हम सब कुछ खरीद तो सकते है , पर बीता हुआ समय कभी भी नही खरीद सकते है, नही वह कभी वापस आ सकता है। और इंसान का क्या है आज है कल नही कब मौत आयेगी किसको पता है। इसीलिए अपने व्यस्त समय में से कुछ समय अपने बच्चे और बीवी को भी दिया करो ।

!!धन्यवाद!!



EK CHIDIYA AUR CHIDE KI KAHANI/ एक चिड़िया और चीडे की कहानी।

 एक चिड़िया और चौड़े में प्रेम हो गया, दोनो ने सोचा की अब हमे शादी कर लेनी चाहिए, दोनो ने शादी कर दी अब वह दोनो एक साथ रहने लगे, चिड़िया ने ...