एक चुहे की कहानी. हीरे का एक बडा व्यापरी था, उसे एक चुहे ने बडा परेशान किया था. एक दीन तो उस चुहे ने हद कर दी. उस व्यापरी का एक बडा ही मौल्यवान हीरा उस चूहे ने नीगल लीया , व्यापरी उस चुहे के पीछे भागने लगा . जब वो व्यापारी चुहे के पीछे एक गुफा मे पहुंचा तो वहां हजारो चुहे थे व्यापारी यह देखकर हाताश हो उठा . अब उसे समझ नही आरहा था की क्या करू कैसे उस चुहे को खोजू . तब उसने एक शिकारी को बुलाया और उसने सारी हकीकत बताई . शिकारी को उस जगह पर ले गया और कहां इन हजारो चुहे मे से एक चुहा है जिसने मेरा कीमती हीरा नीगल लीया ,शीकारी ने व्यापरी से कहां की आप चिंता मत करो आपका हीरा मील जायेगा, व्यापरी अपने घर चला गया, कुछ समय बाद वह शिकारी व्यापारी के समक्ष खडा हो गया, व्यापरी ने कहां क्या हुवा क्या तुमने हार मानली, शिकारी ने कुछ न बोलते हुवे अपने जेब से हीरा निकाल कर व्यापरी को दे दिया . व्यापरी बहुत खुश हुवा . उसने कहां की तुमने इतने जल्दी उस चुहे को कैसे पहचान लिया , शिकारी ने कहां की बहुत सरल हिसाब है सहाब . इस दुनीया मे ऐसे मुर्ख लोग हे की जीनको पैसे का घमंड हो जाता है तो वो दुसरे लोगो से नही मिलते , और फीर उन्हे अपने भी पराये लगने लगते है . इस चुहे ने भी हैस ही किया, ये भी एक पथ्यर के उपर चडके अकेले ही काफी देर से बैठा था.वह देख कर मै समझ गया की हीरा इसने ही नीगला होगा, व्यापरी ने उसे धन्यवाद किया और कुछ इनाम भी दिया .
बोध. इस कहानी का बोध यही है,की किसी भी चीज का आंकार नही करना चाहिये . घमंड नही करना चाहिए . जो कुछ है आपके पास उसे मील बाट के खाना चाहिए।
!! धन्यवाद!!