एक दिन दो भाई एक साथ समुंदर के किनारे घुमने गये, उतने में बड़े भाई और छोटे भाई में झगड़ा हुआ, बड़े भाई ने छोटे भाई को एक थप्पड़ मारा, छोटे भाई ने गुस्से में रेत पर लिख दिया की मेरे बड़े भाई ने मुझे मारा, कुछ दिनों बाद दोनो भाई नदी किनारे घूमाने गए , घूमते घूमते उन्होंने सोचा की क्यों न हम इस नदी में नहाले , दोनो जन नदी किनारे नहाने लगे, इतने में छोटे भाई का पैर फिसला और वह पानी में डूबने लगा , बड़े भाई ने वह देख झट से अपने छोटे भाई को बचा लिया , उसे नदी के बाहर लेके आया उसे पूछताछ की , कही तुम्हे चोट तो नही आई, तुम ठीक तो हो , छोटा भाई बोला , तुम साथ हो तो मुझे किसका डर लग सकता है। उतने में छोटे भाई ने पत्थर पे यह लिखा की मेरे बड़े भाई ने आज मेरी जान बचाई , यह देख बड़ा भाई उसे कहने लगा की, उस दिन समुंदर किनारे जब हम घूमने गए और मैंने तुम्हे थप्पड़ मारा था , तब तुमने रेत पे लिखा था , की मेरे बड़े भाई ने मुझे मारा , फिर तुमने आज पत्थर पे क्यों लिखा , इसपे छोटा भाई विवेक पूर्ण उसे बताया कि , रेत पे लिखने से वह कुछ दिनों में मिट जायेगा , और हम भी उसे भूल जाएंगे, और पत्थर पे लिखी यह कभी नहीं मिटेगी , और यह हमेशा याद रहेगी की मुझे मेरे बड़े भाई ने मरते मरते बचाया ,ऐसी चीज अपने पास क्यों रखे जिसे रिश्ते में दरार आए, उसे मिटा देना ही अच्छा है। इससे बड़ा भाई को रिश्ते की कीमत अपने छोटे भाई से मालूम हो गई, इसके बाद दोनो भी हंसते हंसते घर गए।
इस कहानी का बोध। हम जीवन में नेगेटिव चीजे और यादें रखेंगे तो लाइफ बहुत खराब हो जाती है। और ऐसे में अच्छे रिश्ते में दरार आ जाती है। इसीलिए रिश्तों को संभालना बहुत ही जरूरी है। क्या पता किस वक्त कोन मुसीबत में काम आ जाए।
!!धन्यवाद!!