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मंगलवार, 4 अप्रैल 2023

EK RAJA AUR BUDDHIMAN VAZIR KI KAHANI/एक राजा और बुद्धिमान वजीर की कहानी

 एक राजा और  बुद्धिमान वजीर की कहानी. एक दिन राजा का वजीर मर गया , राजा बहुत दुखी हुवा, क्योंकि राजा का वह प्रिय वजीर था , उस जैसा दूसरा मिलना बहुत ही कठिन था , ना के बराबर था , फिर राजा ने राज्य में घोषणा करदी की कोई बुद्धिमान वजीर चाहिए , और एक प्रतियोगिता रखी गई , हजारों की संख्या में लोगो ने भाग लिया , क्यांकि उसके बाद बड़ा ही महत्वपूर्ण पद मिलने वाला था, पर उस हजारों की संख्या में खाली ३ व्यक्तियों को ही चुना गया , उस तीन व्यक्तियों में से खाली एक बुद्धिमान व्यत्ति को चुनना था , वह तीन लोग उत्सुक थे की आगे की प्रतियोगिता क्या होगी , राजा की प्रतियोगिता के बारे में राज्य मे खबर फैल गई, की उन्हें एक कमरे में बंद करेंगे और उस कमरे को तला लगा देंगे , पर वह तला कोई मामूली तला नही रहेगा , उस ताले पर कुछ आंकड़े रहेंगे, गणित की पहिली रहोगी , जोभी इस गणित की पहिली को हल करके बाहर आएगा। वही राजा का वजीर बनेगा , यह बात उन तीन लोगो को मालूम हो गई , उस तीनो में से दो व्यत्ति ने बाजार में जाकर गणित के ऊपर जितनी भी किताबे थी सब ले आए , उसमे से तीसरा व्यक्ति बहुत ही अजीब था, वह बहुत ही शांत था , कुछ नही कर रहा था , शायद वह डर गया होगा या फिर उसने इस प्रतियोगिता से हार मनली होगी , ऐसा उस दो जन को लग रहा था , वे दोनो उसपे हस रहे थे , और उसे कहां की , की कुछ तो तयारी करो नहीतो तुम हार जावोगे , वह फिर भी शांत था , फिर राजा एक दिन पहिले आके उन तीनो को प्रतियोगिता के बारे में बताया , जो उन्हे पहिले से मालूम थीं, की तुम तीनो को एक कमरे में बंद किया जाएगा , और एक गणित की पहिली का तला दरवाजे में लगाया जाएगा जो भी पहिले बाहर आएगा वही व्यत्ति वजीर बनेगा , ऐसा कह के राजा चला गया , कल सुबह प्रतियोगिता के लिए जाना था , वह दोनो अभ्यास करने लगे , गणित की सारी किताबे पड़ डाली , रात भर सोए नही, क्योंकि पद भी उतना भरी था , पर जो तीसरा व्यक्ति था वह तो चादर वोड के सो गया, सुबह तीनो भी राज महल पोहचे तीनो में से दो के आंखे लाल थी चहरे पे थकान थी , रात भर न सोने के कारण , पर एक व्यक्ति की आंखे बहुत शांत थी चेहरा भी शांत था , प्रतियोगिता शुरू हो गई, उन तीनो को एक कमरे में बंद कर दिया , दोनो जन पहिली को हल करने में जुज गाए पर वह तीसरा व्यक्ति , एक कोने में शांत बैठा था , और अचानक उठके दरवाजा धकेला और बाहर आगया , और वही वजीर बन गया , दरवाजा को तो  ताला लगा ही नहीं था।  वह तो खुला था , पर उन दोनो ने यह भी मालूम करने की कोशिश नही की की दरवाजा सच में बंद है या फिर खाली धकेल के रखा है,

इस कहानी का अर्थ यह है , जीवन भी ऐसा ही है , हम कभी कभी पुस्तकी ज्ञान में इतना खो जाते है की , वास्तविकता में यह सच है या नहीं , यह भी जानने को कोशिश नही करते , और हम रेस लगाने में लग जाते है , इसीलिए अपनी बुद्धि को जागृत करना बहुत की जरूरी है , 

। । ध न्य वा द। । 


EK CHIDIYA AUR CHIDE KI KAHANI/ एक चिड़िया और चीडे की कहानी।

 एक चिड़िया और चौड़े में प्रेम हो गया, दोनो ने सोचा की अब हमे शादी कर लेनी चाहिए, दोनो ने शादी कर दी अब वह दोनो एक साथ रहने लगे, चिड़िया ने ...