एक दिन एक मुर्गी के अंडो में बाज का अंडा कही से गिर गया , नीचे घास होने के कारण अंडा फूटा नही, मुर्गी ने अपना अंडा समज के बाकी आंडो के साथ इस अंडे की भी देख भाल की, कुछ दिनो बाद अंडो मैसे मुर्गिया और बाज भी बाहर आया , बाज भी मुर्गी के बच्चो के बीच घुल मिल गया, उसे इस बात का एहसास ही नही था की वह एक बाज है, वह मुर्गियों के जैसे ही अपना जीवन जी रहा था , कुछ दिनों के बाद बाज का बच्चा बड़ा हो गया , उसे उड़ने की बहुत इच्छा हो रही थी , वह उड़ने की कोशिश कर ता था , तभी , उसकी मां उसे उड़ने नही देती , उसे कहती की तुम ज्यादा दूर उड़ नही पा संकोगे, हमे जमीन पर ही रहना होता है , यह सुनकर उसका आत्मा विश्वास गिर जाता है , और वह फिर से , मुर्गी का बच्चा हू यह उसके दिमाक में घूमता रहता है। और एक बाज होने के बावजूद वह मुर्गी के जैसे अपना जीवन बिताते रहता है
इस कहानी का बोध। कभी कभी हमे अपनी काबिलियत पे भरोसा करने के बजाय दूसरो के बातो पर ज्यादा विश्वास रखते है। इसी वजह से हम अपने जीवन में सफल नही बन पाते। अपने अंदर के हुनर को पहचानिए और उसके अनुसार जीवन के कार्य करे , आप सफल जरूर हो जाओगे।
!!धन्यवाद!!