एक दिन राजा ने अपने राज्य दरबार में सारे प्रजा के सामने यह कहा, की कल इस दरबार में, बहुत सारी वस्तुए रखी जायेगी जोभी जिस वस्तु पे हात रखेगा वह वस्तु उसकी हो जायेगी, यह सुनकर नगर के सभी लोग उत्साहित और क्या क्या घर में लाना है यह सोचने लगे, अगले दिन सबेरे सबेरे दरबार खुल गया, लोगो की भीड़ लगी हुई थी, दरबार नए नए वास्तु से भरा हुवा था, चारो तरफ वस्तुये थी, सभी प्रकार के , लोग यह सब देखके अपने अपने हिसाब से वस्तु वो पर टूट पड़े, दरबार में अफरा तफरी मची हुई थी, कोई भी किसी को पहचान नहीं राह था, कल तक जो साथ साथ चल रहे थे, घूम रहे थे आज वह अनजान होने लगे, कुछ पल में दरबार के सभी वस्तु लोगो ने ले लिए, राजा यह सब बैठ कर देख रहा था, सभी लोग अपना अपना सामान ले जाने के लिए तयारी में थे , उतने में एक छोटा लड़का आया और उसने राजा की उंगली पकड़ली, यह देख राजा मंद मंद मुस्कराने लगा , और फिर राजा ने सभी नगर वासियों से कहा की अब ये सारा सामान इस लड़के का हो चुका है, क्यूं की इसने मेरी उंगली पकड़के मुझे पा लिया , इस कारण यह मेरा सारा सामान इसी लड़का हो गया, सभी नगर वासी हैरान और चकित हो उठे, उसपे राजा बोले की तुम खाली समान जुटने में लगे , पर किसी ने अपनी बुद्धिमत्ता नही दिखाई, यहां मैं भी बैठा था , किसने भी मुझे नही छु लिया, जोभी मुझे छू ता तो मेरे सहित यह सब उसका हो जाता , पर इस छोटे लड़के ने समझदारी दिखाई , और अब यह सब इसका हो गया, तुम लोग सब अपने अपने घर जा सकते हो।
इस कहानी का बोध। हम अपने समझदारी और बुद्धिमत्ता से किसी भी चीज को हासिल कर सकते है।
!!धन्यवाद!!