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बुधवार, 20 सितंबर 2023

BHAKTI AUR SHAKTI KI KAHANI /भक्ति और शक्ति की कहानी.

 भक्ति और शक्ति की कहानी। भगवान शिव ने अपने पुत्र कार्तिकेय को शस्त्र विद्या का पूरा प्रशिक्षण दिया। वो जब उसपे निपुर्ण हो गया , तभी उसमे अहंकार आया , कार्तिकेय को लगने लगा की अब मेरे में बहुत सारी शक्तियां आ गई है , मैं अब किसको भी हर सकता हु , और इसी गुरमी में , अपने सीखे हुवे विद्या का सराव करना छोड़ दिया , उसे लगने लगा की अब इसकी मुझे क्या जरूरत , अब तो मैं सब कुछ सिख गया हू, ये बात भगवान शिव को पता चली , उन्होंने देखा की , कार्तिकेय पूरा दिन युही बिता रहा है, कुछ भी सराव नही कर रहा है, महादेव ने कार्तिकेय से पूछा , की तुम दिए गए प्रशिक्षण का सराव क्यू नही कर रहे हो, अगर तुमने सराव नही किया तो तुम सब कुछ भूल जावोगे, तुम्हारी शक्ति कम हो जायेगी, इसपे कार्तिकेय ने कहा , मैं तो शिव पुत्र हू और मैंने सब कुछ सिख लिया है , अब मैं युद्ध के लिए तयार हू, ये सुनकर महादेव चिंता में पड़ गए , और उन्होंने सोचा की इसका अहंकार तो तोड़ना होगा , महादेव ने कहा की , मुझे ऐसा लग रहा है की , तुम्हारी शक्ति कम हो रही है , अब तुम तो मेरे प्रेत से भी हार जवीगे , उसपे कार्तिकेय बोला ठीक है मैं उनसे मुकाबला करने को तयार हू, इसपे महादेव ने अपने एक भक्त से कार्तिकेय का मुकाबला रखा , शर्त यह थी की उस महादेव के भक्त को , धक्का देके जमीन पे गिराना है, यह सुनकर कार्तिकेय जोर जोर से हंसने लगा , और प्रतियोगिता के लिए सामने आया , उसने उस शिव भक्त हो नजदीक से धक्का दिया पर वो जरा भी हिला नही, यह देख कार्तिकेय ने जोर से धक्का दिया, वो फिर भी नही हिला , फिर कार्तिकेय ने दौड़ के धक्का दिया फिर भी वह नही हिला , सुबह से शाम हो गई पर वह शिव भक्त , जैसे की वैसे ही खड़ा रहा, पर कार्तिकेय पूरी तरह से थक गया , फिर उसे अपने किए पर पछतावा हुवा, उसने अपने माता पिता की और सभी शिव भक्तों की क्षमा मांगी , और कहा की भक्ति में बहुत शक्ति होती है, और जिसे भगवान शिव ने आशीर्वाद दिया हो, उसे इस संसार में कोन हरा सकता है।

इस कहानी का बोध। इस कहानी का बोध यही है की, भक्ति में समर्पण बहुत जरूरी है, तुम पूरी श्रद्धा और विश्वास से अपने भगवान पर छोड़ दो , और अपने कर्म को साफ और निष्पाप रखो , फिर तुम्हे कोई नही हरा सकेगा ।

!!धन्यवाद!!





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