एक दिन एक महल में एक मां अपने बच्चे के साथ वहा महल की साफ सफाई करने रोज जाति थी, एक दिन उसके बच्चे को एक हीरा मिला , उसने तुरंत अपने मां को बताया , मां ने देखा की यह तो एक हीरा है। उसने अपने बच्चे से कहा यह तो एक कांच का टुकड़ा है, ऐसे कहकर उस हीरे को बाहर फेंक दिया। और घर जाते समय उसे वहा से उठा लिया, फिर उसने एक सोनार को वह हीरा दिखाया और कहा जरा इसकी कीमत तो बताइए , उस सोनार ने देख कर कहा , यह तो एक कांच का टुकड़ा है, ऐसा कहकर उसे बाहर फेंक दिया, उन मां और बच्चे को भी वह कांच का टुकड़ा लगा, वह वापस घर जाते देखकर उस सोनार ने वह हीरा उठा लिया , और अगले ही दिन वह हीरा लेके वो एक जोहरी के पास गया और कहा की जरा इसकी कीमत तो बताइए, जोहरी ने हीरे को ध्यान से देखा और मन ही मन सोचा यह तो एक नायाब और बैश कीमती हीरा मालूम होता है, उसने उस सोनार को कहा अरे ये तो एक कांच का टुकड़ा है, और बाहर फेंक दिया , हीरा जैसे ही बाहर फेंका वैसे ही टूट के बिखर गया। यह सब घटना एक आदमी देख रहा था, उसने हीरे के पास आके कहा , तुम तो इतने मजबूत हो की तुम कैसे टूट गए , तब हीरे ने उस आदमी को कहा , वह औरत और बच्चा मेरी कीमत नही जानते थे, पर यह जोहरी तो मेरी कीमत जनता था, उसने मेरी कीमत जान के भी मुझे बाहर फेंक दिया, इसीलिए मैं टूटके बिखर गया।
इस कहानी का बोध। कभी कभी हमारे जीवन में भी ऐसी घटना घटती है, की हमारा टैलेंट, हुनर ,को लोग नजर अंदाज करते है, हमारी कीमत नही करते , फिर वह लोग जीवन मैं आगे नहीं बढ़ते , निराश और हताश हो जाते है। हमे एक दूसरे का हुनर और टैलेंट समझ कर उसे उत्साहित और मोटीवेट करना चाहिए, उनका मनोबल बड़ाना चाहिए, तभी हर एक इंसान जीवन में कामयाब और तरक्की करेगा।
!! धन्यवाद!!