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सोमवार, 21 अगस्त 2023

EK KAUVE KI KAHANI/एक कौवे की कहानी

एक कौवे की कहानी. एक दिन एक कौवा अपने काले रंग से परेशान होकर , एक महात्मा के पास गया और उसने महात्मा से कहा , भगवन इस काले रंग से मैं परेशान हु , ये भी क्या रंग है, और ये भी क्या जीवन है ,लोग मुजमे अपने मरे हुवे व्यक्ति को देखते है , श्राद्ध का खाना खिलाते है, मुझे कोई इंसान प्यार नही करता बाकी के पक्षियों जैसा. कृपया आप मुझे राज हंस  बना दो, महात्मा कौवे से बोले ठीक है , मैं तुझे राजहंस बना दूंगा पर शर्त ये है की, पहिले तू राजहंस से जाके मिल आ, और उसके जीवन के बारे में जान ले , कौवे ने कहा ठीक है , जल्दी ही वो , राज हंस के पास गया और कहा राजहंस मेरे भाई , तू मस्त पानी में तैरता है पता ही नही चलता की तू तैर रहा है या बैठा है , राजा जैसा तेरा स्वभाव उसपे ये तेरा सफेद  रंग , ये सुनके राज हंस ने कहा, क्या खाक सफेद रंग , इंसान मरने बाद सफेद कफन डालते है वैसा लगता है , और सफेद भी कोई अच्छा रंग है, लोग मेरी फोटो खींचते है तो पता ही नही लगता की पानी मैं कहा हु, कौवे ने कहा क्या तू खुश नही है इस रंग से उसने कहा नही , रंग होतो तोते जैसा ,यह सुनकर कौवा वापस उस महात्मा के पास आया और कहा  ,भगवन मुझे आप तोता बनादो, कितना रंग बिरंगी पक्षी है , भगवान ने कहा , ठीक है पर शर्त  ,वही है , तुझे तोते से मिलके उसके जीवन के बारे में जानना होगा , कौवे ने कहा ठीक है, जंगल में वह तोते को मिलने गया, तोते को मिलने के बाद कौवे ने कहा, तोता मेरे भाई, क्या मस्त  तेरा रंग उसपे लाल तेरी चोंच, लोग तुझे प्यार करते है, तुझे अपने पास रखते है, यह सुनकर , तोता बोला , क्या खाक हरा रंग , तू चार बार इसी पेड़ के ऊपर से चक्कर लगाया , उसके बाद मैं तुझे नजर आया , इस हरे रंग के वजह से मै पेडो पे बैठा हु या नही पता ही नही चलता , और मैं जो दिख गया तो इंसान लोग मुझे पकड़के पिंजरे में बंद करते है ,में उड़ न सकू इसीलिए मेरे पंख काट देते है, ये भी क्या जीवन है , कौवे ने तोते से कहा की तू खुश नही है , तोते ने कहा नही मै खुश नही हू, काश मैं मोर होता , सबका राजा होता , कौवे ने सोचा क्यू न मै मोर बनु, वह कौवा फिर से उस महात्मा , के पास आया और कहा तोता भी उसके जीवन से खुश नही कृपया आप मुझे मोर बनादो, उस महात्मा ने कहा , बना दूंगा पर शर्त वही है , फिर कौवा जंगल में जाके मोर से मिला , और कहा मोर भाई , जीवन होते आप के जैसा , तुम सभी पक्षी यो के राजा हो  , लोग तुम्हे जानते है , मानते है। बच्चो को स्कूल में तुम्हारे बारे में पढाया जाता हे . लोग तुम्हारा नाच देखने के लिए व्याकुल रहते है, तुम कितने बड़े और तुम्हारा ठाट राजा से भी बडकर है, तुम तो इस जीवन मै सबसे सुखी पक्षी हो, कौवे की इस बात पर मोर बोला क्या खाक सुखी , थोड़े शांत रहो और सुनो , तुम्हे क्या कोई आवाज आ रही है  कौवे ने कहा हा , आरही तो है, मोर ने कहा यह आवाज शिकारी के पैरो की है, वे हमारा शिकार करके , हमारे पंख को बेच के पैसे कमाते है , हमारा जीवन बहुत ही संकट में है, हम कही भी चैन से नहीं बैठ सकते , हमारे मन में हमेशा मरने का डर रहता है, इसीलिए हम एक जगह पर नही रहते , हमारा शरीर बड़ा होने के कारण हम कही चुप कर बैठ भी नही सकते , इस जीवन मे मरने  का डर  सदा बना रहता है ,यह सुनकर कौवा बोला मोर भाई तुम्हारे हिसाब से इस दुनिया मैं सबसे सुखी कौन है , मोर ने कहा , इस दुनिया में सबसे सुखी तुम हो मेरे भाई, कौवे ने कहा कैसे , तुम्हे कोई मरता है , कौवे ने कहा नही, तुम्हे कोई पकड़ के पिंजरे में बंद करता है , कौवा बोला नही , तुम्हारा इंसानों से कुछ लेना देना है,कौवे ने कहा नही, तुम्हे तो लोग अपना पूर्वज मानते है, तुम कितने सुखी हो, जीवन होती तुम्हारे जैसा, यह सुनकर कौवे के आंख में आसू आए , और वो उस महात्मा के पास गया और उनसे क्षमा मांगी. 

इस कहानी का बोध :- जीवन में कभी भी किसी से अपनी तुलना ना करो , क्या पता कोई इंसान अपना जीवन कितनी मुश्किल से जीता होगा , जो ऊपर से तो हस के जिरहा है, पर अंदर से रो रहा होगा , आप जैसे ही वैसे रहो, किसे के लिए अपने आप को मत बदलो , और  कीसेसी अपनी तुलना मत करो। 
!!धन्यवाद!!


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