सफल जीवन की कहानी। आज हम सफल जीवन के बारेमे जानेगे। एक दिन अर्जुन श्री कृष्ण से कहते है। ये माधव ये सफल जीवन क्या होता है। क्या आप मुझे समझाने की कृपा करोगे , इस बात पी श्री कृष्ण ने कुछ न कहते हुवे अर्जुन को बोले , चलो हम आज पतंग उड़ाते है। श्री कृष्ण पतंग उड़ाने लगे, पतंग बहुत ऊपर गई, तब अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण से कहा , माधव ये पतंग इस धागे के कारण और ऊपर नही जा पा रही है, आप इसका धागा तोड़ दो, श्री कृष्ण ने पतंग का धागा तोड़ दिया, तब पतंग और ऊपर गई, और ऊपर जाने के बाद उसकी दिशा बदल गई, उसकी दिशा भूल हो गई , पहिले तो वे सही दिशा में उड़ रही थी, कुछ देर बाद वह पतंग नीचे गिरने लगी , और किसी अनजान जगह पर गिर गई। इससे श्री कृष्ण ने कहा , की मनुष्य का जीवन भी इस पतंग जैसा होता है , मनुष्य को लगता है को सफल जीवन बनाने के लिए ,घर परिवार माता पिता गुरु ये सब बधा बनते है , पर वैसा नही है , यही सब वे धागे है , जो मनुष्य को सही दिशा देते है । उसे ऊपर तो लेके जाते है , पर भटक ने नही देते , कही गिरने नही देते, जिससे तुम मुक्त आनंद कहते हो , कभी कभी वह तुम्हारे पतन का कारण भी बन जाता है। यह सुनकर अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण के चरण स्पर्श किए और आशीर्वाद लिया।
इस कहानी का बोध। हमारे माता पिता, गुरु, परिवार , ये हमेशा हमारे जीवन को सफल ही बनाते है, हमे हर चोट से बचाते है, हमे सही दिशा देते है, हमारे जीवन में इनकी मौजूदगी किसी भगवान से कम नहीं है, इसीलिये इनका सम्मान करना चाहिए ।
!!धन्यवाद!!
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