एक शेर की कहानी, एक जंगल में दो शेर रहते थे , बहुत ही गहरी उनकी दोस्ती थी , साथ उठाना बैठना साथ खाना , साथ घूमना , दोनो एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे, इतनी गहरी दोस्ती थी, फिर एक दिन उन दोनो में किसी कारण झगड़ा हुआ, दोनो ही एक दूसरे से अलग हो गए, सब खत्म हवा , फिर एक शेर ने एक शेरनी से शादी करली, कुछ महीने बाद उस शेरनी सात बच्चे हुवे , शेर बहुत खुश था , पर उसका दोस्त उसकी खुशी में शामिल न हो सका, एक दिन शेर अपने बच्चो के लिए शिकार करने गया , शेरनी और शेर के बच्चे किसी पेड़ के नीचे खेल रहे थे, उतने में बीस से पच्चीस जंगली कुत्तों ने उनपे हमला बोल दिया , शेरनी अपने बच्चो को बचाने में असमर्थ हो रही थी, यह देख वहा उस शेर का दोस्त आया , और उसने उस पच्चीस कुत्तों को , मार मार कर बुरा हाल करदिया , उस शेर ने अकेले ही पच्चीस कुत्तों की हालत खराब करदी, अपने दोस्त की बीबी बच्चे सुरक्षित देक, वह चला गया, फिर कुछ देर बाद शेर आया। अपने बेटे ने शेर से कहा , की आज आपके दोस्त ने हमारी सहायता की , हमे पच्चीस कुत्तों से बचाया , पर वे तो आप से बात नहीं करते , तुम्हारा तो झगड़ा हवा है । फिर क्यों हमे बचाया , तब शेर ने अपने बेटे से कहा , की दोस्ती इतनी गहरी होनी चाहिए , भले इसमें झगड़ा हो या फिर वे एक दूसरे से बात न करते हो, पर इसका मतलब यह नहीं है की कुत्ते इसका फायदा उठाए, इसी को दोस्ती कहते है।
इस कहानी का बोध। दोस्ती का मतलब खाली साथ बैठना , खाना , साथ घूमना नही होता है, दोस्ती का मतलब तो , सुरक्षा, कठिन परिस्थिति में साथ देना , एक दूसरे को सहारा देना ।
!!धन्यवाद!!
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