गुरुवार, 2 नवंबर 2023

EK PATI AUR PATNI KI KAHANI/एक पति और पत्नी की कहानी।

 एक दिन एक पति पत्नी साथ एक चिडिया घर में घूमने गए। वहा उन्हे बहुत सारे पक्षी , तरह तरह के फूल दिखे, यह सब देखते देखते वहा बंदर का बड़ा सा बगीचा जैसा घर था , वहा एक बंदर का जोड़ा , बड़े प्यार से खेल रहे थे, यह देख पत्नी अपने पति से बोली की देखो ये  बंदर का जोड़ा कितना खुश है, और कितने प्यार से खेल रहे है। लाइफ होती ऐसी, कोई झगड़ा नहीं न ही कोई डिमांड, मस्त होकर जी रहे है। उसपे पति कुछ भी नही बोला चुप रहा, फिर वह आगे गए उन्हे , एक शेर का पिंजरा दिखा , वहा शेर और शेरनी साथ साथ बाजू में बैठे थे। उन्हे देखके पत्नी बोली , ये कितने उदास बैठे है, शेर और शेरनी एक दूसरे के बाजू मे तो बैठे है पर इन दोनों में प्यार नही दिख रहा है, शेर और शेरनी एक दूसरे के तरफ देख भी नही रहे है। ये दोनो ऐसे बैठे है , जैसे बाजू में कोई बैठा ही नही, अकेले से लग रहे है। पत्नी पति से पूछ रही है ,ऐसा क्यों बैठे है ये दोनो, इससे पति ने कुछ न कहते हुवे कहा, ये पत्थर लेलो और शेरनी के तरफ फेको, पत्नी ने पत्थर लिया और शेरनी के तरफ फेंका , जैसे ही पत्थर शेरनी के तरफ फेंका , शेर गुस्से में उठके दहाड़ने लगा, दौड़के पत्नी के पास आया , यह देख पत्नी डर गई , पर शेरनी वही बैठी रही, जैसे कुछ हुवा ही नही। इसपे पति बोला , इनमें प्यार तुम्हे नजर नही आया पर एक दूसरे के खातिर विश्वास और सुरक्षा तो नजर आई ना, इसे कहते सच्ची मोहब्बत , सच्चा प्यार। अब हम बंदर के पास चलते है, फिर से पति ने अपनी पत्नी को एक पत्थर दिया और कहा, की इसे तुम बंदरिया के तरफ फेंको, जैसे ही पत्नी ने पत्थर बंदरिया के तरफ फेंका , वह देख बंदर झाड़ पे तुरंत अपनी जान बचाके चढ़ गया। इससे पति बोला यह खाली दिखावे वाला प्यार है, इसे खोखला प्यार कहते है, साथ खेल रहे है हस रहे है, इसका मतलब प्यार और सुरक्षा नही होती, यह दुनिया के सामने एक दिखावा है। जैसे ही खराब और कठिन परिस्थिति आई तो बंदर भाग गया । पत्नी को सारी बात समाज आई । उसे अब अपने पति पे ज्यादा विश्वास और भरोसा हुवा, और कही अधिक प्यार भी बड़ा । पत्नी ने मन ही मन भगवान का शूक्रिय अदा करके , अपने पति का हात , पकड़के चलने लगी।

इस कहानी का बोध। जो पति घर में शांत रहता है, गंभीर रहता है, और जराभी रोमांटिक नही रहता , इसका यह अर्थ नही है की उसे अपनी पत्नी की बच्चो की चिंता नही है। बल्कि उसका पूरा ध्यान और मन पत्नी और बचो में ही लगा रहता है। उनकी खुशी और सुरक्षा के खातिर हमेशा तत्पर रहता है। 

!! धन्यवाद!!



बुधवार, 1 नवंबर 2023

EK GUSSEL LADKE KI KAHANI/एक गुस्सैल लड़के की कहानी।

 एक लड़के को बहुत गुस्सा आता था, वह हर किसी से झगड़ता रहता था, घर मे, स्कूल में , बाहर दोस्तो में, सभी लोग उससे परेशान हो गए थे, हर रोज कोई ना कोई उसकी तकरार लेके घर आता था, घर के सभी लोग परेशान हो गए थे, एक दिन उसके पिताजी ने उसे समझाया की इतना गुस्सा ठीक नही है, ना ही तेरे सेहत को नही घर में नही बहार, इतना गुस्सा करने से समाज तुझे अपनाए गा नही, कोई तेरा दोस्त नही बनेगा , जरूरत के समय तुझे कोई मदत नही करेगा, तू ये अपना गुस्सा कम कर दे , उसपे वह बच्चा बोला की मैं क्या करू मुझे गुस्सा ज्यादा आता है, मैं इसे कैसे कम करू आप ही बताए। उसपर उसके पिताजी ने उसे किल की भरी एक थैली दी, और अपने पुराने स्टोर रूम में ले गया , और कहा , जब भी तुम्हे गुस्सा आए तो इस दरवाजे में एक किल ठोक देना , दिन भर में जितनी बार तुझे गुस्सा आए उतनी किल इस दरवाजे में ठोक देना, बच्चे ने पिताजी की बात सुनाली , दिन भर उसे किसी न किसी पे गुस्सा आता ही था , वह घर आके दरवाजे को किल ठोकता जाता, ऐसा रोज करने लगा, धीरे धीरे उसका गुस्सा कम होते गया , अब दिन भर में वह ३ या ४ बार गुस्सा होता, तो दरवाजे पे चार किल ठोकता , ऐसा करते करते वह एक किल पे आ गया, कुछ दिनों बाद वह दिन भर में एक बार भी गुस्सा नही हुवा, उसके ऐसे बर्ताव से सभी प्रभावित हुए, उसे अपनाने लगे , उसे लोगो का घर पर बहुत प्यार मिला , वह बहुत खुश हुवा, उसने अपने पिताजी से कहा की मेरा गुस्सा पूरी तरह खत्म हो गया, यह सुनकर पिताजी खुश हुवे, उसने अपने बच्चे को लेकर फिर से इस स्टोर रूम के दरवाजे के पास ले गया , और उसने दिखाया की इतना बड़ा दरवाजा पूरी तरह से किल से भर गया। उसके पिताजी ने फिर उसे एक चीज करने को कहा, जब भी तुम किसी से अच्छा बर्ताव या मदत करोगे तो तुम इस दरवाजे से किल निकालना , उसने पिताजी की बात मन ली, वह रोज अच्छा बर्ताव और कुछ न कुछ अच्छा करता रहा, घर में मां की काम में मदत करता रहता, ऐसा रोज करता , और रोज वह इस दरवाजे पे लगे किल निकलता , कुछ दिनों बाद दरवाजे के सभी किल निकल गए , और उसके अंदर अब बहुत बड़ा बदलाव भी आया था, वह अपने पिताजी को उस स्टोर रूम के दरवाजे के तरफ ले गया और कहा, मैंने इसके सभी किल निकल दिए , मैं अब पूरी तरह से बदल गया हूं, पिताजी ने कहा बहुत अच्छा । पर तुम इस दरवाजे तरफ देखो , तुम्हारे गुस्से ने इस दरवाजे की क्या हालत करदी, इसमें कितने सारे छेद कर दिए, यह दरवाजा बहुत ही मजबूत और बहुत ही पुराना था , पर तुम्हारे गुस्से के किल ने इसे खराब कर दिया , इसमें हजारों छेद हुए है, अब ये किसी काम का न रहा, और ऐसा दूसरा दरवाजा भी बाजार में नही मिलेगा , उसके पिताजी ने कहा , की हमारा गुस्सा भी ऐसा ही है, न जाने हम कितने दिलो में गुस्से की किल चुभोते है, और वह फिर हमसे दूर चले जाते है। इसीलिए बेटा गुस्सा कभी भी नही करना , जो जैसा करेगा वह वैसा भरेगा । तुम प्यार से सभी को जीत सकते हो पर गुस्से से नही। यह सुनकर बच्चे ने अपने पिताजी से क्षमा मांगी और वे दोनो हंसते हंसते घर लौट गए।

इस कहानी का बोध। गुस्सा बहुत हानिकारक है। गुस्से से हम किसी को जीत नही सकते, हमारा अहंकार ही गुस्सा बनकर बाहर आता है। गुस्से से हम अपनो से बिछड़ सकते है।



रविवार, 29 अक्टूबर 2023

EK SACCHE DOST KI KAHANI/एक सच्चे दोस्त की कहानी।

 दो दोस्त थे , दोनो में गहरी दोस्ती थी, वे जोभी करते एक दूसरे को पूछके करते, साथ घूमाना, साथ खाना , वे दोनो दोस्त कम और भाई ज्यादा लगते, एक दिन एक दोस्त की मां बीमार पड़ गई, वह उसे डॉक्टर के पास ले गया , मां का इलाज तो हो गया था, पर डॉक्टर ने लिखी दवाई लेने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे। वह बहुत परेशान हुवा, और उसने अपने दोस्त को फोन लगाया, और कहा भाई मेरे दोस्त तुम कहा, हो मुझे तुम्हारी मदत चाहिए, मेरी मां बीमार है, उसके दवाई लेने के लिए कुछ पैसे चाहिए, वहा से दोस्त बोला की तुम फिक्र मत करो मैं आता हूं, एक घंटे के बाद पहिले दोस्त ने अपने दोस्त को फोन लगाया, तो उसका फोन बंद आ रहा था। वह हैरान हो गया, बार बार उसे फोन कर रहा था, पर उसका फोन बंद ही आ रहा था। उसके मन में अपने दोस्त के लिए  गलत विचार आ रहे थे, एक साथ हम सब कुछ किए , पर आज मैं मुसीबत में हू, और मुझे तेरी जरूरत है, तो तु फोन बंद करके रखा है, बहुत ही गलत सोच अपने दोस्त के खातिर उसके मन में आ रही थी, फिर वह हताश होके किसी और से पैसे मांगने गया , बहुत घुमा , सबके घर गया हात जोड़े , पर किसीने उसे पैसे नही दिए, निराश हो के घर आया तो देखा, मां की दवाई टेबल पर थी , सभी दवाई जो जो उसे चाहिए थी सभी दवाई थी, उसने घर पर पूछा की ये दवाई किसने लाई, घर वाले ने कहा तुम्हारा दोस्त आया था , मां की पर्ची ले गया और दवाई ले आया, यह सुनकर उसके आंखों में आसू आ गए , वह तुरंत उसे मिलने गया , और मिलते ही उसे गले लगाया , सॉरी भी कहा, और बोला मैं तुम्हे कितना फोन कर रहा था , पर तुम्हारा फोन बंद आ रहा था , दूसरा दोस्त बोला की मैने अपना फोन बेच के तुम्हारी मां की दवाई लाई, इसीलिए मेरा फोन नही लग रहा था। वह पहिला दोस्त यह सुनकर रोने लगा उसके आंखों में खुशी के आंसू भी थे , भले मेरे पास कुछ भी नही पर भगवान जैसा दोस्त मेरे पास है। आज मैं दुनिया का सबसे अमीर इंसान हु। यह सुनकर दूसरे दोस्त के आंखों में आंसू आए , दोनो एक दूसरे को गेल लगाकर घर चले गए।

इस कहानी का बोध। आप के पास भले कुछ भी न हो, पर एक ऐसा दोस्त होना जो आपको हर मुसीबत में काम आए, अच्छे वक्त में तो सभी आते है, बुरे वक्त में साथ दे वही सच्चा दोस्त।

     !!धन्यवाद!!



शुक्रवार, 27 अक्टूबर 2023

EK PITA AUR PUTRA KI KAHANI/ एक पिता और पुत्र की कहानी

 एक पिता अपने पुत्र से बहुत प्यार करता था , वह अपने पुत्र की हर इच्छा पूरी कर ता था, एक दिन दिन पिताजी थक के घर आते है, घर आते ही वह अपने बेटे के हात में दो सफरचंद देखता  है , वह देख पिता अपने पुत्र से एक सफरचंद की मांग करता है, उसे कहता है की मुझे इसमें से  एक देदो , उतने में बच्चा झट से एक सफरचंद को मुंह में डाल के कुतरता है , यह देख पिता हैरान होता है, वह कुछ बोलने से पहिले ही दूसरा सफरचंद भी मुंह में डाल कर कुतर देता है, यह देख उसके पिताजी के चहरे की मुस्कान गायब हो जाती है, वह हैरान होता है, और सोचने लगता है, की मेरा प्रिय बेटा कैसा बरताव कर रहा है मुझसे , वह बहुत नाराज होता है, उतने में बच्चा झट से पिता से कहता है, पिताजी पिताजी यह सफरचंद आप  खावो ये ज्यादा मीठा है। पिता ये सुनकर बहुत खुश हो जाता है, और अपने बेटे को गले लगाता है। और सोचने लगता है की, मैंने कितने जल्दी मेरे अपने बेटे के बारेमे गलत निर्णय लिया, पर मेरा बेटा तो मुजपे अधिक प्यार करता है, अपने पुत्र का प्रेम देखकर उसके आंख में आसू आते है।

इस कहानी का बोध। बहुत जल्दी हैं किसी चीज का निर्णय लेके उसके पीछे का प्रेम उसकी भावना का विचार नहीं करते , और हम सबसे अधिक प्रेम करने वाले व्यक्ति से दुखी हो जाते है। पर थोड़ी समझदारी थोड़ा सब्र हमे उसके पीछे का प्यार समझ सकते है।

!!धन्यवाद!!



बुधवार, 25 अक्टूबर 2023

EK CHIDIYA AUR SAMUDRA KI KAHANI/एक चिड़िया और समुद्र की कहानी

 एक दिन एक चिड़िया समुंदर का पानी अपने चोंच से बाहर निकाल रही थी, यह देख उसके बाजुमे और एक चिड़िया आई , और उससे कहने लगी की तुम यह क्या कर रही हो, समुंदर का पानी अपने चोंच से क्यू बाहर फेंक रही हों, यह सुनकर वह चिड़िया बोली मैं और मेरे तीन बच्चे यहां खेल रहे थे , उतने में इस समुंदर ने मेरे तीन बच्चो को बहके अपने अंदर डुबो दिया , मैं तड़पती रही पर में अपने बच्चो को नही बचा पाई , मैने और मेरे बच्चे इस दुष्ट समुंदर का क्या बिगाड़ा था, उतने में दूसरी चिड़िया कहती है , की तुम पूरी जीवन काल में इसे खाली नहीं कर सकोगी, उसके ऊपर वह पहिली चिड़िया कहती है, मुझे सलाह नही चाहिए तुम्हारी साथ चाहिए, साथ देना होती दो, नहितो जवो यह से, वह सुनकर दूसरी चिड़िया को बहुत बुरा लगता हैं, वह उसे साथ देने लगती है, उन दोनो को देख और भी पक्षी वहा आते है, उसे भी वह सारी कहानी बता ते है, और कहते है, हमे सलाह नही तुम्हारा साथ चाहिए, सभी पक्षी समुंदर को खाली करने में जुट जाते है। हजारों से लाखो पक्षी समुंदर को खाली करने को जुट जाते है। समुंदर यह सब देख के हसने लगता हैं, उतने में भगवान विष्णु का वाहन गरुड़ भी समुंदर को खाली करने के लिए आने लगता है, तभी भगवान विष्णु उसे कहते हैं, तुम भी समुंदर को खाली करने जा वो ge तो मेरा सारा काम रुक जायेगा , सृष्टि को चलाने के लिए बढ़ा उत्पन हो जायेगी, उसपे गरुड़ उनसे कहता है , भगवान मुझे सलाह नही आपका साथ चाहिए , आपको साथ देना है तो दो नही तो मैं जा रहा हु, अपने बही बहन का साथ देने, यह सुनकर भगवान विष्णु भी साथ देने को तैयार होते है। और धरती पर आके समुंदर का पानी खाली करने लग जाते है, उनके एक ही हात में आधा समुंदर समा जाता है। वह देख समुंदर बाहर आके भगवान विष्णु से क्षमा मांगता है, और उस चिड़िया के तीनो बच्चे लौटा देता है। चिड़िया और बही पक्षी बहुत खुश होते है, और भगवान विष्णु का आशीर्वाद लेते है। भगवान विष्णु उस चिड़िया से कहते हैं , तुम्हारी समझदारी सूझ बूझ, पुत्र प्रेम और अपनो का साथ इससे तुम बड़े से बड़े समुंदर को खाली कर सकते हो, मेरा आशिर्वाद तुम सबपे सदा बना रहे गा।

इस कहानी का बोध। जब तक हम एक दूसरे का साथ देते रहेंगे तब तक कितनी  भी बड़ी समस्या हमारा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती है। और अपनी इच्छा शक्ति से हम कुछ भी कर सकते है।

!!धन्यवाद!!




रविवार, 22 अक्टूबर 2023

EK RAJA AUR USAKE PRAJA KI KAHANI/एक राजा और उसके प्रजा की कहानी।

 एक दिन राजा ने अपने राज्य दरबार में सारे प्रजा के सामने यह कहा, की कल इस दरबार में, बहुत सारी वस्तुए रखी जायेगी जोभी जिस वस्तु पे हात रखेगा वह वस्तु उसकी हो जायेगी, यह सुनकर नगर के सभी लोग उत्साहित और क्या क्या घर में लाना है यह सोचने लगे, अगले दिन सबेरे सबेरे दरबार खुल गया, लोगो की भीड़ लगी हुई थी, दरबार नए नए  वास्तु से भरा हुवा था, चारो तरफ वस्तुये थी, सभी प्रकार के , लोग यह सब देखके अपने अपने हिसाब से वस्तु वो पर टूट पड़े, दरबार में अफरा तफरी मची हुई थी, कोई भी किसी को पहचान नहीं राह था, कल तक जो साथ साथ चल रहे थे, घूम रहे थे आज वह अनजान होने लगे, कुछ पल में दरबार के सभी वस्तु लोगो ने ले लिए, राजा यह सब बैठ कर देख रहा था, सभी लोग अपना अपना सामान ले जाने के लिए तयारी में थे , उतने में एक छोटा लड़का आया और उसने राजा की उंगली पकड़ली, यह देख राजा मंद मंद मुस्कराने लगा , और फिर राजा ने सभी नगर वासियों से कहा की अब ये सारा सामान इस लड़के का हो चुका है, क्यूं की इसने मेरी उंगली पकड़के मुझे पा लिया , इस कारण यह मेरा सारा सामान इसी लड़का हो गया, सभी नगर वासी हैरान और चकित हो उठे, उसपे राजा बोले की तुम खाली समान जुटने में लगे , पर किसी ने अपनी बुद्धिमत्ता नही दिखाई, यहां मैं भी बैठा था , किसने भी मुझे नही छु लिया, जोभी मुझे छू ता तो मेरे सहित यह सब उसका हो जाता , पर इस छोटे लड़के ने समझदारी दिखाई , और अब यह सब इसका हो गया, तुम लोग सब अपने अपने घर जा सकते हो।

इस कहानी का बोध। हम अपने समझदारी और बुद्धिमत्ता से किसी भी चीज को हासिल कर सकते है।

!!धन्यवाद!!



गुरुवार, 19 अक्टूबर 2023

EK CHUHE KI KAHANI/एक चूहे की कहानी

 एक दिन एक चूहे के पीछे साप लग गया, जैसे तैसे अपनी जान बचाकर वह अपने बिल में घुस गया और कई दिन डर के मारे अंदर ही रह गया, उसने कही से यह सुनाता की जंगल में एक महात्मा रहते है, वह उस महात्मा के पास गया और उनसे प्रार्थना करने लगा की मुझे साप से बहुत डर लगता है, वह हमे खा जाता है, क्या आप मुझे खरगोश बना दोगे , जिसके कारण साप मुझे नही खा सकेगा , महात्मा ने कहा ठीक है , तथास्तु , और फिर वह खरगोश हो गया, कुछ दिनो बाद कई मनुष्य खरगोश की शिकार करने जंगल आए , और जो चूहे से खरगोश बना था उसके पीछे लग गए , जैसे तैसे अपनी जान बचाकर वह फिर से उस महात्मा के पास आया और कहा की , साप से तो मैं बच सकता हु पर मनुष्य से नही, कृपया आप मुझे , भेड़िया बनादो, उस साधु ने कहा जैसी तुम्हारी इच्छा, और वह भेड़िया बन गया , भेड़िया बन के जंगल में घूमता रहा , अचानक शेर उसके पीछे लगा , भागते भागते वह थक गया और बच गया , अगले दिन फिर से शेर पीछे लगा फिर वह जान बचाकर भागा, ऐसे ही चलता रहा। फिर उस भेड़िया बने चूहे ने सोचा क्यूं न मै शेर बनू और जंगल में राजा के जैसा घुमु, ये ठीक रहेगा, फिर से वह उस महात्मा के पास आया और कहा , भगवान भेड़िया का जीवन भी दर्द भरा है, रोज नई मुसीबत जान की आफत बनाती है, जीवन मै शांति नही, कृपया आप मुझे, जंगल का राजा शेर बनाइए। वह तपस्वी उसे कहता है जैसी तुम्हारी इच्छा ,तथास्तु, और वह शेर बन जाता है, और जंगल में निडर हो के घूमने लगता है, फिर एक दिन किसी सर्कस के लोग जंगल में शेर को पकड़ के ले जाने आते है, और कई सारे शेर को पकड़ के ले जाते है, ये शेर बना चूहा एक पेड़ के पीछे से देखते रहता है, उसे अब बहुत डर लगता है, वह सोचता है की जंगल के राजा को भी सर्कस वाले गुलाम बनाते है, और सिखाने के लिए बहुत मरते है, और भूखा भी रखते है। वह शेर बना चुका वापस उस महात्मा के पास आता है, और उनसे क्षमा मंगाके कहता है की महाराज आप मुझे फिर से चूहा बना दो , मेरा जीवन मेरे असली रूप में ही सुरक्षित है, फिर वह साधु उसे चूहा बना देता है।

इस कहानी का बोध। इस चूहे ने सभी रूपों में जंगल में रहा यह तक शेर भी बना पर उसमे एक कमी थी वह ये की भले वह शेर बना पर उसका दिमख चूहे का ही था, इसीलिए वह उसी तरह सोचता और उसके अनुसार रहता। हमे भी जीवन में हमारी परिस्थिति के अनुसार अपना व्यवहार और आचरण करना चाहिए, जितना हमारे पास है उतने में ही रहना चाहिए। 

!!धन्यवाद!!



EK CHIDIYA AUR CHIDE KI KAHANI/ एक चिड़िया और चीडे की कहानी।

 एक चिड़िया और चौड़े में प्रेम हो गया, दोनो ने सोचा की अब हमे शादी कर लेनी चाहिए, दोनो ने शादी कर दी अब वह दोनो एक साथ रहने लगे, चिड़िया ने ...