बुधवार, 18 अक्टूबर 2023

KARM FHAL KI KAHANI/ कर्म फल की कहानी।

 एक दिन एक मच्छी बेचने वाले से एक आदमी ने उसकी मच्छी छीन ली, मच्छी वाला बोला मुझे तुम इसके पैसे देदो और मच्छी ले जावो , पर उस आदमी ने उससे जोर जबरदस्ती करके मच्छी छीन ली , मच्छी वाला बुडा और कमजोर होने के कारण उससे लड नही पाया , उसने बस उस आदमी से यह कहां की तुम्हे भगवान देख लेगा , वह आदमी घर आया तो उसने देखा की अंगुठे मे छोट सा कांटा लगा है. उसने कांटा नीकाल के फेंक दिया , करीब करीब अंगुठे से एक बुंद खुन आया , कुछ दोनो बाद , अंगुठा सुज गया और उसे हलका हलका दर्द होने लगा , डॉक्टर को दाखाया तो डॉटर बोला यह यामुली सी जखम है , दो दीन मे ठीक हो जायेगा कुछ दीनो बाद अंगुठा ज्यादा सुज गया और जखम भी बडी हो गई, उसने डॉक्टर को बताय तो डॉक्टर बोला अंगुठा काटना पडेगा पुरा सड चुका है, उसने कहां ठीक हे , अंगुठा काट के पट्टी करायी , कुछ दोनो बाद वापस डॉक्टर के पास आया डॉक्टर को कहां की मेरा हात बहुत दुख रहा है. डॉक्टर ने देखा तो , अंगुठे के बजु वाली ऊंगली सड चुकी है.  अब बाजु वाली अंगुली काटने पड़ेगी, ऐसा करते करते ' उसका आधा हात कट गया , फिर उसने अपने दोस्त को सारी बात बताई की मेरी हालत बहुत खराब हे . डॉक्टर ने पुरा हात काटने  को कहां हो , नही तो मैं मर जाऊंगा , उसके दोस्त ने उससे  पुछा की ये सब कैसे हुवा है , उस आदमी ने अपने दोस्त को सब कुछ बताया की मैने कैसे उस बुढे मच्छी वाले से जबरदस्ती से मच्छी छीन ली , दोस्त को समझ आया उसने तुरंत उस आदमी को उस मच्छी वाले के पास ले गया , उसने उस मच्छी वाले के मच्छी के पैसे दे दिये और उसकी क्षमा भी मांगी , कुछ दोनो बाद उसकी जखम सुख गई और वो पुरी तरह से ठीक हो गया , पर उसने अपना एक हात गवा दीया था ।

इस काहानी का बोध | कर्म फल भुगताना ही पडता है. कर्म के चक्कर मेसे कोई भी नही बच सकता है , जैसे कर्म वैसे ही उसके अनुसार फल भी मिलते रहेंगे । कर्म के पास ना कागज है नाही कलम है , फीर भी वह पुरे जगत का हिसाब रखता है।

!!धन्यवाद!!



रविवार, 15 अक्टूबर 2023

EK MENDHAK KI KAHANI/एक मेंढक की कहानी

 अगर आप मेंढक को गर्म पानी में रखोगे तो वह उसके अनुसार अपने शरीर का तापमान बदल सकता है, जैसे जैसे आप पानी गर्म करते रहोगे वैसे वैसे वह अपना शरीर उस गर्म पानी के अनुसार सेह सकता है पर एक तापमान के बाद मेढक गर्म पानी से मार जाता है, यह कहानी यही से शुरू होती है, आप को लगता होगा की उस मेंढक की मौत गर्म पानी के वजह से हो गई होगी , पर ऐसा नहीं है , मेंढक गर्म पानी के अनुसार अपना शरीर का तापमान बदलता रहा था, और सहन करने के चक्कर में उसने अपनी शरीर की पूरी ऊर्जा खर्च कर दी, उसके पास अंत में जरभी ऊर्जा नही बची , और नहीं उसने सही समय पे छलांग लगाई, अगर वह सही समय में छलांग लगाता था तो बच जाता , दोस्तो लाइफ भी ऐसी ही है , सही समय में छलांग लगाना जरूरी है, कुछ सिख के छलांग लगाने से बेहतर है की छलांग लगाने के बाद सिख लेना , फिर पूरा जीवन पड़ा है उसे दुरुस्त करने के लिए । मेहनत करो और जीवन को नई दिशा दो।

!!धन्यवाद!!



शनिवार, 14 अक्टूबर 2023

EK BACCHE KI KAHANI/ एक बच्चे की कहानी

एक दिन एक बच्चे को स्कूल की टीचर बहुत चिल्लाई और उसे कहा की कल अगर तुम स्कूल की फिज नही भर पाए तो स्कूल मत आना , जब तुम्हारे पास स्कूल की फिज भरने के लिए पैसे आए तो साथ में अपने पापा को भी लेकर आना , यह सुनकर बच्चा बहुत उदास और निराश हो उठा , स्कूल से छूटते ही वह समशान घाट चला गया , अपने मरे हुवे पिता के कब्र पर अपना बस्ता फेंक कर रोने लगा, और वह अपने पिता से कह रहा था, की पिताजी उठो कल टीचर ने तुम्हे फिज लेके बुलाया है, नहीतो मुझे स्कूल के अंदर आने नही देंगी नही तो आप मुझे पैसे देदो मैं कल जाके भर दूंगा, उसी समय सामने वाले कब्र पर बैठे एक इंसान ने यह बात सुन ली , वह किसी से कब्र पर कुछ हजार दो हजार की फूलो की चादर बुक कर रहा था, बच्चे की बात सुनकर उसने वह बुक किए हुई चादर कैंसल कर दी , और कहा मुझे याह फूलो की चादर मिल गई, फिर वो आदमी बच्चे के पास गया और कहा , अरे तुम यहां बैठे हो , मैं तुम्हारे स्कूल गया था तुम नही मिले तो यहां आया , तुम्हारे पापा ने तुम्हारे स्कूल की फिज भरने के लिए पैसे भेजे है, वह बच्चा झट से खुश हुआ और मुस्कराने लगा , और उस आदमी से कहा , मेरे पिताजी को थैंक्यू और i love u कहना मेरी तरफ से। यह सुनकर उस आदमी के आंखो में से आसू आए। और उस लड़के को पैसे देके चला गया।

इस कहानी का बोध। हर एक बच्चे का रियल हीरो उसका पिता होता है, उससे बडकर दुनिया में उसका कोई भी नही होता है। और बच्चे मन के सच्चे होते है, उनकी आवाज को तो भगवान को भी सुनना होता है।

!!धन्यवाद!!




 

बुधवार, 11 अक्टूबर 2023

BUDDHI, BHAKTI AUR SHAKTI KI KAHANI/ बुद्धी, भक्ती और शक्ति की कहानी

दोस्तो यह कहानी हर एक इंसान को पता है। फिर भी मैं इसे लिख रहा हूं, यह कहानी है , भगवान शिव के परिवार की। देवो में सभी को एक बात का प्रश्न पड़ा की हम में से प्रथम पूज्य कोन है और किसकी पूजा प्रथम होनी चाहिए , सभी देवो को ऐसा लग रहा था की मै प्रथम पूज्य हु , मैं संसार को चलता हु, सब में अहंकार आ गया था , सभी देव भगवान शिव के पास आए और हम में से प्रथम पूज्य कोन है इसका फैसला किया जाय । सभी देव लोग अपने अपने विचार रखने लगे , इंद्र बोले मैं हु, वरुण बोले मैं हु, सूर्य बोले मैं हु, सभी ने अपनी अपनी बात रखी , यह सुनकर महादेव बोले, हम एक प्रतियोगिता रखेंगे जो जीत जायेगा उसे प्रथम पूज्य का मान प्राप्त होगा । सभी उत्सुक थे की प्रतियोगिता क्या होगी तभी भगवान शिव बोले की इस पृथ्वी की इस संसार की ,तीन पर परिक्रमा लगानी है जो भी प्रथम आयेगा वह प्रथम पूज्य देव होगा , कल सुबह इसकी शुरवात होगी तुम सब तयारी को लग जावो , सभी अपने अपने वाहन को प्रतियोगिता जितने के लिए तयार करने लगे। अगली सुबह प्रतियोगिता शुरू हो गई, सभी अपने वाहन पे बैठकर दौड़ने लगे, पर इनमे गणेश जी का वाहन जो की एक चूहा था , वह इतनी तेजी से दौड़ नही पा रहा था , ऐसा लग रहा था की वह हार जायेंगे , फिर गणेश जी को अपनी पिता की कही बात याद आई, की मां और पिता ही एक संतान का संसार होता है पृथ्वी होती है , इनकी पूजा और परिक्रमा करना मतलब संसार की पूजा और परिक्रमा करना। गणेश जी अपने वाहन चूहे पे से उतरकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की और तीन बार उनकी परिक्रमा की , यह देख भगवान शिव अति प्रसन्न हुए, और बोले तुम इस प्रतियोगिता में प्रथम आए , तुमने हमारी पूजा और परिक्रमा लगाई इसका मतलब तुमने पूरे संसार की परिक्रमा लगाई ।उसके बाद सबसे पहिले कार्तिकेय आए उसके बाद अन्य देव, भगवान शिव ने उन्हें समझा के बताया की गणेश कैसे प्रथम पूज्य हुवे। सभी ने भगवान गणेश जी को अभिनंदन करते कहा की तुम्हारी भक्ति शक्ति और बुद्धि ने तुम्हे इस प्रथम पूज्य का स्थान दिया।

इस कहानी का बोध। हम शरीर से कितने भी विकलांग क्यू न हो, अगर हमारे पास बुद्धि ज्ञान हो तो हम किसी भी चीज को हासिल कर सकते है , जैसे गणेश जी ने किया उनका वाहन बहुत ही धीमे गति से चल रहा था। फिर भी अपने बुद्धि और भक्ति से आज वह प्रथम पूज्य बने।
!!धन्यवाद!!


सोमवार, 9 अक्टूबर 2023

EK PATHAR KI KAHANI/एक पत्थर की कहानी

 एक पत्थर की कहानी। एक दिन एक तूफान आया उस तूफान  में पेड़ पौधे उड़ रहे थे , जमीन के ऊपर से हर वो एक चीज जो हल्की थी वह भी उड़ रही थी। फिर तेज हवा के चलते जंगल में आग भी लग गई, पेड़ पौधे जलने लगे , पर उनके बीच एक पत्थर को कुछ भी नहीं हुवा, यह देख पत्थर को घमेंड होने लगा , उसे अपने भार और मजबूती पे बहुत ही ज्यादा घमेंड हुवा , वह उन सभी पेड़ पौधे को देख कर बोल रहा था की देखी मेरी ताकत मेरा वजन मेरी मजबूती, वह पत्थर उनपे हसने लगा, तभी एक पेड़ ने उसे कहा की ज्यादा घमेंड करना अच्छी बात नहीं है । इसी घमेंड के कारण एक दिन तुम्हे पछतावा होगा, कई दिन बीत गए, एक दिन जोर से बरसात आई , चारो तरफ पानी भरने लगा , पेड़ पौधे गा रहे थे झूम रहे थे,पर पत्थर रो रहा था क्यो की पानी बड रहा था और वह अपने मजबूत और भार के कारण डूब रहा था , देखतेही देखते पत्थर पूरी तरह से डूब गया । अब उसे अपने किए पर पछतावा होने लगा । देख ते ही देखते पत्थर डुबके मार गया। 

इस कहानी का बोध। दोस्तो पत्थर कितना भी बजबूत और वजनदार क्यों न हो , पर जब उसका सामना नदी से होता है तो वह डूब जाता हैं। इसीलिए कभी भी किसी भी चीज का घमेंड नही करना चाहिए, सबको साथ लेके चलना चाहिए, सबका साथ सबका विकास इसी में है।

!!धन्यवाद!!



रविवार, 8 अक्टूबर 2023

EK MURGI AUR BAZ KE BACCHE KI KAHANI/एक मुर्गी और बाज के बच्चे की कहानी.

 एक दिन एक मुर्गी के अंडो में बाज का अंडा कही से गिर गया , नीचे घास होने के कारण अंडा फूटा नही, मुर्गी ने अपना अंडा समज के बाकी आंडो के साथ इस अंडे की भी देख भाल की, कुछ दिनो बाद अंडो मैसे मुर्गिया और बाज भी बाहर आया , बाज भी मुर्गी के बच्चो के बीच घुल मिल गया, उसे इस बात का एहसास ही नही था की वह एक बाज है, वह मुर्गियों के जैसे ही अपना जीवन जी रहा था , कुछ दिनों के बाद बाज का बच्चा बड़ा हो गया , उसे उड़ने की बहुत इच्छा हो रही थी , वह उड़ने की कोशिश कर ता था , तभी , उसकी मां उसे उड़ने नही देती , उसे कहती की तुम ज्यादा दूर उड़ नही पा संकोगे, हमे जमीन पर ही रहना होता है , यह सुनकर उसका आत्मा विश्वास गिर जाता है , और वह फिर से , मुर्गी का बच्चा हू यह उसके दिमाक में घूमता रहता है। और एक बाज होने के बावजूद वह मुर्गी के जैसे अपना जीवन बिताते रहता है

इस कहानी का बोध। कभी कभी हमे अपनी काबिलियत पे भरोसा करने के बजाय दूसरो के बातो पर ज्यादा विश्वास रखते है। इसी वजह से हम अपने जीवन में सफल नही बन पाते। अपने अंदर के हुनर को पहचानिए और उसके अनुसार जीवन के कार्य करे , आप सफल जरूर हो जाओगे।

!!धन्यवाद!!



बुधवार, 4 अक्टूबर 2023

EK MURGE KI KAHANI/एक मुर्गे की कहानी.

 एक दिन एक मुर्गे को बड़ा अहंकार चढ़ा, उसे लगा की मै बांग देता हु तभी सूरज निकलता हा, और फिर मनुष्य उठाते है , अपने काम करते है पैसे कमाते है , बच्चे स्कूल में जाते है, अगर मैं एक दिन भी बांग नही दिया तो ये सारे सोते ही रहेंगे , इनकी दिनचर्या रूक जायेगी , मैं ही इनका सहारा हु, ऐसा वह मुर्गा सोचने लगा , फिर उसने सोचा की कल मैं बांग ही नही देता हु , देखता हु की ये सब कैसे उठाते है, सूरज कैसे निकलता है, कल चारो तरफ अंधेरा ही रहेगा , यह सोचकर उसने सुबह की बांग नही दी , और हसने लगा की अब सोते ही रहो, कुछ समय बाद देखा तो सूरज निकल आया , उसे समझ नहीं आया की ये कैसे हुवा, कुछ समय बाद मनुष्य भी उठ जाए, बच्चे उठे , सभी रोज के तरह अपने अपने काम करने लगे , बच्चे स्कूल गए , सबकुछ वैसे की वैसे चल रहा था , यह देख मुर्गे को अपने मूर्खता पे हसी आई , और उसका अहंकार भी टूट गया , और वह समझ गया की किसी के रहने से या जा ने से कुछ चीजे नही बदलती, और इसका किसिपे कोई फर्क भी नही पड़ता।

इस कहानी का बोध। हम नैसर्गिक रचना को कभी भी बदल नही सकते , और चलते रहना यही जीवन का नाम है। 

!!धन्यवाद!!



EK CHIDIYA AUR CHIDE KI KAHANI/ एक चिड़िया और चीडे की कहानी।

 एक चिड़िया और चौड़े में प्रेम हो गया, दोनो ने सोचा की अब हमे शादी कर लेनी चाहिए, दोनो ने शादी कर दी अब वह दोनो एक साथ रहने लगे, चिड़िया ने ...