रविवार, 8 अक्टूबर 2023

EK MURGI AUR BAZ KE BACCHE KI KAHANI/एक मुर्गी और बाज के बच्चे की कहानी.

 एक दिन एक मुर्गी के अंडो में बाज का अंडा कही से गिर गया , नीचे घास होने के कारण अंडा फूटा नही, मुर्गी ने अपना अंडा समज के बाकी आंडो के साथ इस अंडे की भी देख भाल की, कुछ दिनो बाद अंडो मैसे मुर्गिया और बाज भी बाहर आया , बाज भी मुर्गी के बच्चो के बीच घुल मिल गया, उसे इस बात का एहसास ही नही था की वह एक बाज है, वह मुर्गियों के जैसे ही अपना जीवन जी रहा था , कुछ दिनों के बाद बाज का बच्चा बड़ा हो गया , उसे उड़ने की बहुत इच्छा हो रही थी , वह उड़ने की कोशिश कर ता था , तभी , उसकी मां उसे उड़ने नही देती , उसे कहती की तुम ज्यादा दूर उड़ नही पा संकोगे, हमे जमीन पर ही रहना होता है , यह सुनकर उसका आत्मा विश्वास गिर जाता है , और वह फिर से , मुर्गी का बच्चा हू यह उसके दिमाक में घूमता रहता है। और एक बाज होने के बावजूद वह मुर्गी के जैसे अपना जीवन बिताते रहता है

इस कहानी का बोध। कभी कभी हमे अपनी काबिलियत पे भरोसा करने के बजाय दूसरो के बातो पर ज्यादा विश्वास रखते है। इसी वजह से हम अपने जीवन में सफल नही बन पाते। अपने अंदर के हुनर को पहचानिए और उसके अनुसार जीवन के कार्य करे , आप सफल जरूर हो जाओगे।

!!धन्यवाद!!



बुधवार, 4 अक्टूबर 2023

EK MURGE KI KAHANI/एक मुर्गे की कहानी.

 एक दिन एक मुर्गे को बड़ा अहंकार चढ़ा, उसे लगा की मै बांग देता हु तभी सूरज निकलता हा, और फिर मनुष्य उठाते है , अपने काम करते है पैसे कमाते है , बच्चे स्कूल में जाते है, अगर मैं एक दिन भी बांग नही दिया तो ये सारे सोते ही रहेंगे , इनकी दिनचर्या रूक जायेगी , मैं ही इनका सहारा हु, ऐसा वह मुर्गा सोचने लगा , फिर उसने सोचा की कल मैं बांग ही नही देता हु , देखता हु की ये सब कैसे उठाते है, सूरज कैसे निकलता है, कल चारो तरफ अंधेरा ही रहेगा , यह सोचकर उसने सुबह की बांग नही दी , और हसने लगा की अब सोते ही रहो, कुछ समय बाद देखा तो सूरज निकल आया , उसे समझ नहीं आया की ये कैसे हुवा, कुछ समय बाद मनुष्य भी उठ जाए, बच्चे उठे , सभी रोज के तरह अपने अपने काम करने लगे , बच्चे स्कूल गए , सबकुछ वैसे की वैसे चल रहा था , यह देख मुर्गे को अपने मूर्खता पे हसी आई , और उसका अहंकार भी टूट गया , और वह समझ गया की किसी के रहने से या जा ने से कुछ चीजे नही बदलती, और इसका किसिपे कोई फर्क भी नही पड़ता।

इस कहानी का बोध। हम नैसर्गिक रचना को कभी भी बदल नही सकते , और चलते रहना यही जीवन का नाम है। 

!!धन्यवाद!!



मंगलवार, 3 अक्टूबर 2023

EK ADMI AUR USAKE NAV KI KAHANI/ एक आदमी और उसके नाव की कहानी.

 एक दिन एक आदमी अपने नाव से समुंदर में सफर कर रहा था. एक तूफान की वजह से उसकी नाव एक टापू से जाके टकराई, और टूट गई वह आदमी तूफान जाने तक वही उस टापू पे इंतजार करता रहा , तूफान जाने के बाद देखा तो उसकी टूटी हुई नाव भी तूफान में बहके चली गई, वह बहुत ही निराश होने लगा , उसे अब समझ नही आ रहा था की अब कैसे गुजारा करू, उसने भगवान से बहुत प्रार्थना की रोने लगा, मेरा घर परिवार मुझसे अलग हो गया , यहां मैं गुजारा कैसे करू, यह सब वह भगवान से कहता रहा , पर उसे भगवान ने भी कोई सहायता नही की, फिर उसने सोचा की अब यही रहना पड़ेगा और जो यहा पे खाने लायक है उसीको खाके जीना होगा , उसके पास दूसरा कोई भी विकल्प अब नही बचा , कुछ दिनो बाद उसने अपने लिए एक झोपड़ी बनाई , और वह उस झोपडी मैं रहके, और मछलियां,  नारियल यह सब खाके रहने लगा , एक दिन जोर से तूफान आने वाला था हवाएं भी बहुत तेज चल रही थी, उसने सोचा तूफान आने से पहिले में , समुंदर में जाके मछलिया पकड़के लता हु , नही तो भूखा की रहना पड़ेगा , वो मछली पकड़ने चला गया, उतने में बहुत जोर से बिजली उसके झोपड़ी पर गिर गई, बिजली ने उसकी झोपड़ी जला दी, वह जब वापस टापू पे आया तो देखा की उसकी झोपड़ी जल रही है, वह रोने लगा , और भगवान को कोसने लगा , की अब तुम्हे क्या समस्या आई  क्यू मेरी झोपडी जलाई , तुम्हारे सहारे जी रहा था पर तुमने इसे भी जला दिया , वह बहुत ही निराश हो उठा , कुछ समय बाद वहा एक नाव आई , और उस आदमी से कहा की क्या तुम्हे सहायता की जरूरत है, तुम यह फस गए हो , वह उन्हे देख कर खुश हो उठा , और कहा की मैं कई दिनों से यह फसा हुआ हु, पर आप यहां कैसे पहुंचे , तब उस नाव में बैठे आदमी ने कहा , की हमे यहां से बहुत तेज धुवा आते दिखा , तभी हमे  लगा कि कोई मुश्किल मे है, किसी को मदत की जरूरत है । और हम यहां पहुंच गए। उस आदमी ने बचाव के लिए आए हुवे लोगो से धन्यवाद किया , और ऊपर देख कर भगवान को नमन किया तभी उसके आंखों में आसू थे , और भगवान की क्षमा भी मांगी।

इस कहानी का बोध। अपने जीवन में बहुत सारी ऐसी घटना हुई होगी की जिसपर आपका भगवान से विश्वास उठ गया होगा । पर जो कुछ होता है वह अच्छे के लिए ही होता है। और वह पहिले से तय है। हमे भगवान पे भरोसा रखना चाहिए, और आने वाले प्रत्येक मुसीबत का सामना करना चलिए। और उसके लिए तयार भी रहना चाहिए।

!!धन्यवाद!!



शनिवार, 30 सितंबर 2023

EK CHIDIYA AUR PED KI KAHANI/ एक चीडीया और पेढ की कहानी

 एक चिड़िया और पेड़ की कहानी। एक दिन एक चिड़िया अपने बच्चो के साथ एक पेड़ पर आई और उस पेड़ को कहा, की ,क्या तुम मुझे तुम्हारे किसी फंदी पे घोसाला बनाने दोगे , मेरे बच्चे बहुत छोटे है, उनकी सुरक्षा के लिए, यह सुनकर पेड़ ने कहा की नही, मैं तुम्हे घोंसला बनाने की अनुमति नहीं देता। तुम किसी दूसरे पेड़ पर जाके अपन घर बनावो। चिड़िया उस पेड़ को गुस्से से देखकर दूसरे पेड़ पर चली गई, उसने दूसरे पेड़ पर से अनुमति ली, दूसरे पेड़ ने घोंसला बनाने की अनुमति दी, चिड़िया अपना छोटा सा घोंसला बनके वहा रहने लगी। कुछ महीने बाद जोरसे तूफान आया , बारिश आई ,  वह पहिले वाले पेड़ की जड़े कमजोर थी वो , इस तूफान का सामना नहीं कर पाया , धीरे धीरे उसकी जड़े उखड़ने लगी , कुछ ही समय में वह पूरी तरह से उखड़ गया। और पानी के बहाव में चला गया , यह देख वह चिड़िया बोली , तूने मुझे अपने पेड़ पर घोंसला न बनाने देनेका नतीजा , तुझे तूफान ने अच्छी सजा दी, उस पर पेड़ ने मुस्कुराके उस चिड़िया ये कहा , की मै जानता था की मेरी जd कमजोर है , मैं बड़े तूफान बारिश का सामना कर नही सकूंगा , अगर तुम्हे मै घोसला बनाने देता तो तुम और तुम्हारे बच्चे सुरक्षित नही रह पाते, इसीलिए मैंने तुम्हे मुजपर घोंसला बनाने नही दिया , यह कहकर वह पेड़ पूरी तरह से पानी में बहकर गया। यह सुनकर चिड़िया के आंख में आसू आए, और कहा मैं समाज ही नही पाई इस पेड़ का दर्द , और अनजाने में उसे भला बुरा कहने लगी , उसने उस बहते हुवे पेड़ की क्षमा मांगी।

इस कहानी का बोध। हमे कभी कभी हमारे अपने बहुत बुरे लगते हैं जब वे हमे किसी चीज को करने  के लिए रोकते है, माना करते है , उस समय वह लोग हमारे दुश्मन नजर आते है, पर हमे पता नहीं चलता की उनकी मनाई ही हमारे जीवन में सफलता के प्राप्ति के लिए है , हमारा भविष्य उज्वल बनाने के लिए है। 

!!धन्यवाद!!



गुरुवार, 28 सितंबर 2023

EK VYAPARI KI KAHANI/ एक व्यापारी की कहानी

 एक व्यापारी था , उसने एक दिन सोने की खदान खरीदली , उस खदान को खोद के सोना निकलने के लिए कई लोग काम पे लगा दिए, कई सौ फीट इस खदान को खोदता रहा पर उसे , सोने का एक टुकड़ा भी नजर नहीं आया , कई महीनो बीत गए पर उसे कोई भी सफलता प्राप्त नही हुई, बहुत सारा पैसा और मेहनत खर्च हुई पर उसे कुछ भी हासिल नही हुवा, वह बहुत निराश हो गया, बहुत सारा पैसा जो उसने लगाया था , बहुत उम्मीद थी उसे की यहां से सोना निकलेगा , पर इतनी मेहनत करके भी उसे कुछ भी हात नही लगा, अब वह पूरी तरह से थक गया और अब उसके पास पैसे भी नही बचे, इतनी गहराई के बाद भी सोना नही मिलने के वजह से उसने सोचा की इसे मैं किसी और को बेच देता हु, क्यों की यहां कुछ नही मिलने वाला है। उसने खदान का काम बंद किया और कुछ दिनो बाद उसे एक दूसरे व्यापारी को बेच दिया। उस दूसरे व्यापारी ने बहुत ही जल्दी काम चालू किया, और केवल तीन फीट के बाद उसे सोना नजर आया, और वह कुछ ही दिनों में मालामाल हो गया , बहुत ही बड़ा अमीर , धनी व्यक्ति बन गया । यह सुनकर पहिले वाला व्यापारी बहुत दुखी हो गया, उसने सोचा थोड़ी और मेहनत करता तो मैं भी आज बड़ा अमीर हो जाता , अपनी मेहनत को बीच में छोड़ ने के वजह से वह सफल नहीं हो पाया.

इस कहानी का बोध। यह कहानी हमे ये सिखाती है की, मेहनत तब तक करो जब तक आप सफल नहीं हो जाते , मेहनत करने वालो को बहुत सारी कठिन परिस्थिति का सामना करना पड़ता है। और जो उस कठिन परिस्थिति को मात देता है वह जीवन में सफल हो जाता है। 

!!धन्यवाद!!



बुधवार, 27 सितंबर 2023

SAFAL TA KA RAZ/ सफल ता का राझ

सफल ता का राज। एक दिन एक आदमी एक तपस्वी के पास आया , और उसने उस साधु से कहा की सफल ता का क्या राज है ये मुझे जानना है। साधु ने कहा ठीक है, कल सुबह आना , वो आदमी , सबेरे सबेरे उस साधु के पास आ गया , उस तपस्वी ने कहा हमे नदी के पास जाना है, वे दोनो नदी मे चले गए , नदी आने पर वह साधु बोला , मेरे साथ अंदर चलो, वह दोनो नदी के अंदर चलने लगे , पानी जब गले तक आगया , तब उस साधु ने अचानक उसकी गर्दन पानी में डुबोई, साधु उस आदमी से ताकतवर था, वह आदमी पानी में तड़प रहा था, सांस लेने की कोशिश कर रहा था, उसका शरीर अब कला नीला पड़ने लगा , तभी साधु ने उसे बाहर निकाला, वह आदमी हफते हुवे जोर जोर से सांस लेने लगा, उस आदमी को समझ नही आ रहा था की इस साधु ने मेरे साथ ऐसा क्यूं किया, और इससे कोनसा सफल ता का राज मालूम पड़ने वाला है।तभी वह तपस्वी ने उस आदमी से पूछा की पानी के अंदर तुम्हे सबसे ज्यादा किसकी जरूरत थी। उस आदमी ने कहा सांस की , तब उस साधु ने कहा , सफल ता भी ऐसी ही आती है। जब तुम दिल जन से चाहोगे , उसकी कमी होने पर अस्वस्थ होगे , तभी तुम उसको कड़ी मेहनत और कठिन परिश्रम से पवोगे , यही है सफल ता का राज। उस आदमी को अब सफलता का राज समझ में आ गया उसने उस तपस्वी के पेर छु कर आशीर्वाद लिया, और अपने मार्ग पर चला गया।

इस कहानी का बोध। यह कहानी सुनकर हमे ये बोध हुवा, की अगर हम पूरी ताकत और इच्छा शक्ति से कुछ भी हासिल करना चाहोगे तो वे हासिल हो जायेगा , उसके लिए कठिन परिश्रम, एकाग्रता , और हमारा उद्देश , होना चाहिए।

!!धन्यवाद!!



सोमवार, 25 सितंबर 2023

SAFALTA AUR NIND KI KAHANI

 सफलता और नींद की कहानी। इस कहानी के मुख्य पात्र कोई साधारण व्यक्ति नही है, ये कहानी महादेव और माता पार्वती की है, जब महादेव माता पार्वती को तंत्र विद्या सिखाने जा रहे थे , तभी भगवान शिव ने पार्वती से कहा, ये मंत्र, तंत्र विद्या आत्मसात और सीखने के लिए तुम्हे महीनो लगेगे , पर इन महीनो में तुम्हे सोना नही है, आंख खुली होनी चाहिए, अगर तुम सो गई तो मुझे फिरसे पहिले से सीखना होगा , अगर तुम तयार हो तोही इस विद्या को सिख पवोगी यह सुनकर माता पार्वती ती ने मैं तयार हू ये कहके आप शुरू करो। महादेव ने माता पार्वती को मुंडमाल विद्या को सीखने आरंभ किया , दोनो नो ने आंख बंद करली , महादेव ने मंत्र उच्चरणा आरंभ किया , कुछ दिनों बाद महादेव ने आंख खोलो तो देखा की पार्वती सो गई, ये देख महादेव ने माता पार्वती को जगाया , और कहा की तुम सोना मत नही तो तुम इस विद्या को नही सिख पवोगी, मुझे इसे फिरसे सीखना होगा, फिरसे महादेव ने आरंभ किया , फिर कही महीने बीत गए, फिर महादेव ने आंख खोल के देखा तो , माता पार्वती फिर से सो गई, यह देख महादेव को बड़ा गुस्सा आया, उन्होंने माता पार्वती को बहुत चिल्लाया और कहा की तुम इसे नही कर पवोगी, तुम्हे फिर से मनुष्य रूप लेना होगा और मच्छियारो के साथ रहना होगा , और उनसे सीखना होगा की , एकाग्रता क्या होती है , कैसे वह घंटो महीनो एक ही जगह रहके मछिलिया पकड़ते है, ये कहके महादेव ने माता पार्वती को श्राप दिया, की तुम्हारा जन्म मच्छियारो के घर होगा वहा तुम्हे सीखना होगा, ये सुनकर माता पार्वती ने महादेव से क्षमा मांगी और उनका श्राप स्वीकार किया।

इस कहानी का बोध। दोस्तो नींद, आलस हमेशा सफलता में बाधा उत्पन्न करती है, जितनी नींद शरीर को चाहिए होती है उतनी ही लेलो और अपने मंजिल को तयार करो , उसपे एकग्रता से काम करो , आप जरूर सफल हो जावोगे।

!!धन्यवाद!!



EK CHIDIYA AUR CHIDE KI KAHANI/ एक चिड़िया और चीडे की कहानी।

 एक चिड़िया और चौड़े में प्रेम हो गया, दोनो ने सोचा की अब हमे शादी कर लेनी चाहिए, दोनो ने शादी कर दी अब वह दोनो एक साथ रहने लगे, चिड़िया ने ...