एक हत्तीनी और कुतिया की कहानी. एक हत्तीनी और कुतीया की गहरी दोस्ती थी, दोना भी एक साथ प्रेगनेन्ट हो गये कुछ दिनो बाद कुतीया ने छे बच्चे को जन्म दिये, ये खुश खबर उसने हत्तीनी को दी, और कहां तुमारी बारी कब आयेगी हत्तीनी,ने कहां अभी समय है . और छे महिने के बाद . कुतिया ने औरp आठ बच्चे को जन्म दीये, फीर वो हत्तीनी क पास आई ओर फीर एक बार खुश खबर दी,फीर वापस हत्तीनी को सवाल किया की कब तुम्हारी बारी आयेगी. हत्तीनी ने कहां अभी समय है. फीर छे महीने बाद और छे बच्चे को जन्म दोये, इसी तरह कुतिया ने कुछ २ सालो मे २० से 22 बच्चे को जन्म दिया. फीर वो हत्तीनी के पास आई और फिर कहां की कब होयेगा तुम्हे बच्चा, मेरे तो २० २२ हो गये, तुम्हारा एक भी नही, हत्तीनी ने परेशान होके कहा की ये हाती का बच्चा हे, इसे समय लगता है जब ये पैदा होता है तो धरती भी इसकी भारी वजन को मेहसूस करती है,और जब वो चलता हे तो सारे लोग एक बजुमे खडे रहकर उसे देखते रहते है और उसे जाने के लिये रास्ता देते है. समज गई कुत्तीया.
इस कहानी का बोध. अप जो भी काम काम करोगे या कर रहे होगे, शुरुवात मे भले ही आप कठीन परीस्थिती का सामना ही क्यु ना करना पडे पर आप हाताश मत हो जाना, भले आपका साथी आपसे जल्दी कामयाब हो जाये,उसे देख लोग आपको बोलंगे कोसेगे पर आप हाताश मत होजाना उपने कर्य को पुरी मेहनत और इमानदरी से करते रहो , और कभी भी अपने आप को Target मात करो,याने की इतने समय के बाद कामयाब नहि दुवा तो मै दुसरा काम करूंगा, कुछ और करूंगा ऐसा वीचार मत करो.जब आप कामयाब होगे. तब आप से कहानी बनेगी आप सब जगह छा जावो गे ओर फीर आप कभी भी पीछे तरफ नही जावोगे. आगे ही बडते रहोगे .
!!धन्यवाद!!
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