एक सम्राट की कहानी , एक दीन एक सम्राट अपने बगीचे मे वीहार करते समय उसके पेर मे कांटा चुब गया राजा ने तुरंत राज्य के सभी विद्वानो को दरबार मे बुलाया और कहा, की पेरे पेर मे कांट चुब गया. मेरे पैरो मे दुबारा कांटा न चुबे ऐसा कोई उपाय निकालो . तो उसमे से किसी एक ने कहां क्यु न हम सभी पृथ्वी के उपर चमडे से ढक दे ऐसा करने से राजा के पैर मे कांटा नही चुबेगा , तभी कोसी ने कहां की ' डोसा करने केलीये बहुत सारा चमडा लगेगा और अगर सारी पृथ्वी को ढक दी तो किसान खेती कैसे करेंगे पृथ्वी पर पेड पौधे कैसे उगंगे . सभी पशू पक्षी का जीवन नष्ट हो जायेगा , फीर राजा ने कहा कोई दुसरा उपाय निकालो . तो उसमे से किसी एक ने कहां क्यु न हम सभी पृथ्वी को साफ करे ऐसा करने से . सभी कांटे साफ हो जायेंगे . राजा ने सम्मीती दी . सभी लोग चारो तरफ से पृथ्वी को साफ करने लगे, कंकर पथर हटाने लग ' . ऐसा करने से चारो तरफ मीट्टी की धुल उडने लगी सभी जगह से मिट्टी के धुवे का बवंडर उडने लगा , लोगो का सांस लेना मुस्कील पड गया , एक छोटे से कांटे के लीये लोगे के जीवन से खीलवाड करने लगे . सभी लोग राजा के पास आये और राजा से प्राथना की । की आप कैसा न करे . इससे हमार जीवन दुशवार हो गया है . राजाने विद्वानो से कहां,कोई दुसरा उपाय निकालो, फीर कोसेने कहां, की पुरी धरती को पानी से सींच देगें ऐसा करने से पूरी धरती नरम हो जायेगी . उसके उपर राजा चलेगा तो कांटा नही चुबेगा . फीर सभी लोगो ने पुरी पृथ्वी को पानी से सीचने लगे . नदी का बहाव को मोडने लगे . सभी जगह पानी से भर गये . कई सारे खेत पानी के बहाव से बह गये . नदी तलाब सुख गये . कुवे खाली हो गये . मानव का जीवन खतरे मे आगया . भुखमरी और पानी के कमी से न जाने कितनी जाने गई ,सभी लोग फीर से राजा के दरबार मे आये . और कहां आप ने मानव जीवन खतरे मे डाला . कृपया हमे जीने दो . और आप कोई दुसरा उपाय निकालो . फीर से राजा ने सारे पृथ्वी के वीद्वानो को बुलाया और कोई दुसरा उपाय निकालने के लीये कहां . तभी उन लाखो लोगो के बीच एक गरीब व्यक्ती सामने आया उस ने राजा को एक वस्तु भेट दी, और कहां इसे आप अपने पैरो मे पेहनीये इससे आपको कभी भी कांटा नही चुबेगा . यह देख राजा हैरान हूवा और उसे पेहनते ही उसे अपने पेरो की सुरक्षा का एहसास हुवा . वहां उपस्थीत सभी विद्वान देखत ही रह गए राजा ने उसकी प्रशांशा की और उसे धन धान्य से समृद्ध किया .
इस कहानी का बोध:- इस कहानी का बोध य ह है की हर पडा लीखा ईन्सान समझदार नही हो सकता . पडने लिखने से कोई समझदार नहीं हो सकता . समझदारी तो अपने अनुभव से आती है .
!!धन्यवाद!!