शनिवार, 27 जनवरी 2024

EK CHIDIYA AUR CHIDE KI KAHANI/ एक चिड़िया और चीडे की कहानी।

 एक चिड़िया और चौड़े में प्रेम हो गया, दोनो ने सोचा की अब हमे शादी कर लेनी चाहिए, दोनो ने शादी कर दी अब वह दोनो एक साथ रहने लगे, चिड़िया ने एक दिन चीडे पूंछा की तुम मुझे छोड़ के उड़ तो नही जावोगे, चीडे ने कहा अगर मैं उड़ गया तो तुम मुझे पकड़ लेना, यह कहके चीडा हसने लगा , पर चिड़िया रूठ गई, चीडे ने कहा की मैं तुम्हे छोड़कर कभी भी नही जावूंगा हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा तुम्हारा खयाल रखूंगा तुम्हारी हर जरूरत पूरी करूंगा , चिड़िया ने कहा इस बात पर मुझे वचन दो की तुम हमेशा मेरे साथ रहोगे , चीडे ने वचन दिया और अपने दोनो पंख काट कर फेंक दिए, और बोला अब तो मैं चाहके भी कही नही जा सकता, तुम्हारे पास हमेशा के लिए रहूंगा। एक दिन जंगल में बहुत भयानक तूफान आया, सभी पक्षी अपनी जान बचाने के लिए उड़ने लगे, चिड़िगा भी चीडे को छोड़ उड़ने लगी और चिड़े से कहा मैं कही छुप जाती हु , चीडे ने कहा तुम तुम अपनी जान बचाओ और अपना खयाल रखना, यह सुनकर चिड़िया जान बचाकर दूसरी जगह चली गई, कुछ देर बाद तूफान थम गया, चिड़िया फिर से वहा अपने चीडे के पास आई तो देखा की चीडा मार चुका था। और वहा एक पेड़ पर लिखा था की, अगर तुम मुझे इतना कहती की मैं तुम्हे छोड़कर कही नही जाऊंगी तो मैं तूफान आने से पहले नही मरता । चिड़िया के आंख में आसू आए उसे बहुत पछतावा हुव,पर अब उसने चीडे को हमेशा हमेशा के लिए खो दिया।

इस कहानी का बोध। प्यार करने और प्यार निभाने में बहुत फर्क है, जो अपनी अंतिम सांस तक प्यार करता है खयाल रखता है वही सच्चा प्रेमी ।

!!धन्यवाद!!

शुक्रवार, 19 जनवरी 2024

EK SHER AUR KUTTE KI KAHANI/ एक शेर और कुत्ते की कहानी।

 एक बड़ा ही घना जंगल था , एक पालतू कुत्ता रास्ता भटक के जंगल में घूम गया, उसे समझ नही आ रहा था की कहा और किस दिशा में जावू, वह इधर उधर देख रहा था, उतने में उसने देखा की एक शेर उसकी तरफ आ रहा है , कुत्ता बहुत डर गया , कुत्ते ने सोचा की अगर मैं यह से भागा तो शेर पकड़के खा जायेगा , और मुझमें इतनी ताकत नही की मैं शेर से लड़ सकता हु , उसे समझ में नही आ रहा था की क्या करू , उसने देखा की बाजू में कुछ हड्डियां पड़ी है, उसने शेर की तरफ पीठ करके हड्डियां चूसने लगा और जोर जोर से कहता रहा की शेर की शिकार करके आज मजा आ गया, बहुत ही स्वादिष्ट और नरम मांस था शेर का , मुझे तो रोज एक शेर चाहिए , उसकी यह बात सुनकर शेर डर गया और वहां से भाग गया। कुत्ते की जान तो बच गई , पर यह सब पेड़ पर बैठा हुवा बंदर देख रहा था। बंदर ने सोचा यह बहुत चालाक कुत्ता है, बंदर ने सोचा क्यों न मैं इस कुत्ते की चालाकी शेर को बता दू और शेर को अपना मित्र बना दू इससे हम जंगल में बिंधस्त रह सकेंगे । बंदर तुरंत शेर के पास चला गया , और उसने कुत्ते की पूरी चालाकी बता दी। शेर ने कहा चल बंदर मुझे उसके पास ले चल आज मैं उसका शिकार करूंगा , कुत्ता भी बहुत होशियार और समझदार था । उसने देखा की बंदर और शेर दोनो एक साथ आ रहे है , मामला कुछ गडबड लग रहा है , शायद बंदर ने वह सब देख लिया होगा , अब तो मैं गया। कुत्ते को अब ज्यादा डर लगने लगा। कुत्ते ने फिर एक तरकीब निकाली और फिर से उन दोनो के तरफ पीठ करके बैठ गया और जोर जोर से बंदर को गली देने लगा की , उस बंदर ने अभी तक शेर को फसके नही लाया , इतनी देर करदी मुझे बहुत जोर से भूख लगी है, अगर उसने शेर को फसके नही लाया तो मैं आज बंदर को ही खा जवूंगा , उसकी यह बात सुनकर शेर बहुत डर गया , शेर ने बंदर को गली देके वहा से भाग गया। और उस कुत्ते की जान बच गई। कुत्ता रास्ता खोज कर अपने घर पहुंच गया।

इस कहानी का बोध। अगर हमने साहस और अच्छी सूझ बूझ हो तो हम बड़े से बड़े परेशानी , प्रॉम्बलम को दूर कर सकते है। हम हमारी कठिन परिस्थिति में डट के खड़े होकर सामना करेंगे तो अंत में जीत हमारी होगी।

!!धन्यवाद!!


गुरुवार, 11 जनवरी 2024

EK CHIDIYA ,YAMRAJ AUR GARUD KI KAHANI/एक चिड़िया,यमराज और गरुड़ की कहानी

 एक बहुत ही खूबसूरत चिड़िया थी, अपनी सुन्दरतासे उसने जंगल के सारे पक्षियोको मोहित कर दिया था। सभी उसके सुन्दरतकी वाह वाह करते रहते, वह चिड़िया थी भी वैसिही , बहुत शांत और सरल , उसकी मधुर आवाज से सारे पशु पक्षी मोहित हो जाते। एक दिन चिड़िया उड़ते उड़ते यमराज के लोक में पहुंच गई, वहा का अद्भुत सौंदर्य देख कर चिड़िया बहुत प्रभावित हुई , बहुत खुश हो गई वह सब देख के, उतने में वहासे विष्णु का वाहन गरुड़ गुजर रहा था। वह उस सुंदर और अद्भुत चिड़िया को देख कर रुक गया , और उसने चिड़िया से कहा की तुम तो बहुत सुंदर हो , तुम यह क्या कर रही हो, चिड़िया ने कहा मैं तो घूमते घूमते यह आ गई , गरुड़जी ने कहा तुम्हारा यह रहना ठीक नही है तुम जल्दी ही वापस चली जा वो, चिड़िया ने कहा मैं तो रास्ता भूल गई और बहुत थक गई हूं,  गरुड़ को अंदर से डर लग रहा था की कही यमराज यह आ गए तो इस सुंदर जीव के प्राण हर लेगा । गरुड़ ने तुरंत चिड़िया को उठाकर पीठ पर रख कर उड़ाके जंगल में छोड़ के वापस यमराजज के लोक में पहुच गया । यमराज ने गरुड़ से कहा की तुम उस चिड़िया को जंगल क्यों छोड़ आए , गरुड़ जी ने कहा आप के डर से , कही उसे आप देख के प्राण न लेलो, यमराज ने गरुड़ से कहा नही गरुड़ जी मैने उस चिड़िया को आप के पहिले ही देखा था । पर मैं यह सोच रहा था की इसकी मृत्यु तो हजारों मिल  दूर जंगल में होने वाली है, इसे एक साप खाने वाला है, पर इतने जल्दी यह पहुंचेगी कैसे । यमराज की बाते सुनकर गरुड़ के आंख में आसू आए, वह तुरंत उस चिड़िया को बचाने फिरसे जंगल की तरफ जाने लगा , तभी यमराज बोले रूक जाव गरुड़ , वह चिड़िया मार चुकी है, तुमने जहा उसे छोड़ा था वही एक डाली पर बड़ा सा साप था , उसने तुरंत ही उसको खा लिया। यमराज ने गरुड़ को बताया कि मृत्य कभी भी टाली नही जा सकती है, और नियति को न तुम बदल सकते हो ना मैं। हर जीव की मृत्य जहा जब होनी है , वही होके रहती है। तुमने कोई गलत काम नही किया , तुम ने तो उसके प्राण बचाने के लिए ही उसे जंगल में छोड़ आए। इसलिए कर्म गति कभी भी टाली नही जा सकती है। गरुड़ यमराज को प्रणाम करके अपने लोक चला गया।

इस कहानी का बोध। हम कितनी भी कोशिश करले, हम अपनी मृत्यु को नही टाल सकते , नहि उसका समय तय कर सकते है। जो आया है वह जायेगा , इसीलिए जन्म और मृत्यु के बीच का जीवन है उसे हम अगर अच्छे कर्म से बिताएंगे तो हमारी मृत्यु के समय शरीर को ज्यादा तकलीफ नहीं होगी।

!!धन्यवाद!!

EK CHIDIYA AUR CHIDE KI KAHANI/ एक चिड़िया और चीडे की कहानी।

 एक चिड़िया और चौड़े में प्रेम हो गया, दोनो ने सोचा की अब हमे शादी कर लेनी चाहिए, दोनो ने शादी कर दी अब वह दोनो एक साथ रहने लगे, चिड़िया ने ...