सोमवार, 18 सितंबर 2023

BHAGVAAN SHIV AUR EK BACCHE KI KAHANI/एक बच्चे और भगवान शिव की कहानीl

 एक बच्चे की कहानी। एक दिन एक बच्चा बहुत ही भूखा था। घर में मां बीमार रहने के कारण कुछ भी खाने के लिए बनाया नहीं था , भूख से व्याकुल हो रहा था, वह भूख के कारण घर से बाहर आया, बाहर आते ही उसे बेल का एक पेड़ दिखाई दिया उसपे फल लगे थे, पर उसका फल पे हात नही पहुंच रहा था , तब उसने सोचा की कैसे इसे मैं झाड़ पे से फल तोड़ू, नीचे भगवान शिव की पिंडी थी, उसने सोचा क्यूं न मै इस पिंडी के ऊपर चढ जावू और फल तोडू। उस पिंडी की पूजा करने के लिए बहुत से भक्त आ रहे थे, वह थोड़ी देर प्रतीक्षा में खड़ा रहा , धूप भी बहुत तेज निकली थी. और उस लड़के को भूख भी बड़ी लगी थी, कोई भी नही आस पास यह देखकर वह लड़का उस पिंडी के ऊपर चड गया, और उस बेल के झाड़ के फल तोड़ने लगा , उसी समय एक शिव भक्त ने देखा की , ये बच्चा शिव के पिंडी के ऊपर पैर रखकर बेल के झाड़ से फल तोड़ रहा है, वह ये देखकर उस लड़के को बहुत चिल्लाया , सभी गांव वाले वहा जमा हो गए , और उस बच्चे को कहा तूने ये क्या अनर्थ किया , हम तुम्हारे परिवार को इस गांव से बाहर निकाल देंगे , तुमने भगवान शीव के उपर पैर रखा, अब भगवान का प्रकोप पुरे गांव को भुगतना पडेग, उतने में स्वयं भगवान शिव वहा प्रकट हुए, और उस बच्चे से कहा , तुम डरो मत , तुमने कोई पाप नहीं किया , तुम ने तो मुझपे अपने पसीने का जल और फल तोड़ते समय मुझपे तुमने बेल पत्र गिराए , तुमने इससे मेरा अभिषेक किया , तो तुम कैसे पापी हुए , फिर शिव ने कहा की मांगों तुम्हे क्या चाहिए , ये सुनकर बच्चा खुश हुआ और उसने कहा की मैं भूखा हु मेरी भूख मिटा दो। भगवान शिव ने तथास्तु कहा।यह देख  गांव वालो ने अपना सर झुकाए भगवान शिव की क्षमा मांगी।

इस कहानी का बोध। इस कहानी का बोध यही है , निष्काम भक्ति कभी भी अच्छी ही होती है। और भगवान शीव तो बहुतही भोले है.

!!धन्यवाद!!



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