शनिवार, 6 मई 2023

AUSKER WIELD STORY/आस्कर वील्ड की ये बहुत हि पुरनि कहानी है

 आस्कर वील्ड की ये बहुत हि पुरनि कहानी है ,आस्कर बहुत ही क्रूर किस्म का आदमी था , उसने अपने जीवन काल में बहुत ही उपद्रव, चोरी , बलात्कार , ऐसे न जाने कितने अपराध किए, एक दिन वह मर गया , मरने के बाद उसकी आत्मा, परमात्मा के पास चली गई, परमात्मा ने उसे पूछा, की तुमने पूरे जीवन काल में कोई भी अच्छा काम नही किया .उस आदमी ने कहा हा, मैने कोई भी अच्छा काम नही किया , परमात्मा ने कहा , तुमने खून किए ,चोरी की , बलात्कार किए , इसका तुम्हे जराभि अफसोस नहीं है, उसने कहा नही है , फिर परमात्मा ने कहा की ये सब तुमने किसी के कहने से किया , उसने कहा नही , में ने खुद किया , और इसका अफसोस भी नही मुझे , परमात्मा ने कहा की तुम्हारे चेहरे पे कोई दर शिकन नहीं है तुम एकदम शांत हो , क्यों, उस आदमी ने कहा , मुझे मालूम है मैने क्या किया और इसका उत्तरदाई भी मैं हु, परमात्मा ने कहा की तुम कैसे इंसान हो तुम्हे जरा भी डर नहीं लग रहा है , में तुम्हे नर्क भेज दूंगा , तब उस आदमी ने  कहा की तुम मुझे नर्क नही भेज सकते हो , क्यू की मैं नर्क से ही इदर आया हु , में नर्क में रहके आया हु, तो तू मुझे नर्क का भय मत दिखा, इतने साल मैं नर्क में ही रहता आया हु , फिर परमात्मा ने कहा की मै तुझे स्वर्ग लोक भेज देता हु , तो उस आदमी ने कहा , की तुम वहा भी नही भेज सकते ,मुझे स्वर्ग में रहने की आदत नही है ,नही मै कभी रहा हू , गर तुम मुझे स्वर्ग भेज दोगे तो मैं उसे नर्क बना दूंगा , क्यों कि मैं अपने स्वभाव को नही बदल सकूंगा , परमात्मा होने के बाद भी परमात्मा सोचने लगा , की मैं इसे भेजू तो कहा भेजूं, इसकी बात तो बिलकुल सही है , रहा तो ये नर्क में स्वर्ग में कैसे रहेगा और इसकी आदत भी नही बदलेगी , फिर परमात्मा ने सोचा की इसे यही छोड़ देता हु , और थोड़ा विचार करके कुछ मार्ग निकलता हूं,

बोध,, दोस्तो इस कहानी का मतलब यही है , की जबतक तुम न चाहो तब तबतक तुम्हे परमात्मा भी नही बदल सकता है , तुम्ही हो तुम्हारे जीवन के शिल्पकार, सभी उपद्रव , अच्छा , बुरा ,ये सब अपने भीतर है , इसे कोई भी बदल नही सकेगा जब तक तुम न चाहो , तो अपनी सोच को सकारात्मक रखो, कर्म पे विश्वास रखो, अच्छे कर्म करो , इससे आपकी हस्त रेखा भी अच्छे कर्म के स्वरूप बदल जायेगी,

। । धन्यवाद । । 



बुधवार, 3 मई 2023

SIKANDER AUR USAKI AMARTA KI KAHANI/सिकंदर और उसकि अमरता की कहानी.

सिकंदर और उसकि अमरता की कहानी, सिकंदर को कोई ऐसा नहीं होगा जो नही जानता , पूरे विश्व को जीत चुका था, जीत की भूख इतनी थी कि , सब कुछ जीत लिया , अब उसे अमर होने की लालसा लग गई , कई साल प्रयास करने के बाद , उसे किसी ने कहा की , पृथ्वी के बीचों बीच जमीन के नीचे एक गुफा है , उस गुफा के अंदर कई मिल चलने के बाद एक झरना है, उस झरना का पानी पीने से कोई भी जीव अमर  हो जाता है। बहुत प्रयास के बाद सिकंदर को वह गुफा मिल गई, कई मिल चलने के बाद उसे वह झरना भी मिल गया , वह बहुत ही खुश हुवा, जैसे ही उसने पानी पीने के लिए अपनी हात की उंजली पानी पीने के लिए बड़ाई, सामने से एक आवाज आई की रुको, यह पानी पीने से पहले मेरी बात सुनो , फिर तुम पानी पी सकते हो , सिकंदर ने पीछे देखा तो एक कौवा, झरने के किनारे बैठा हुआ था , उसकी हालत बहुत ही खराब थी , पंख झाड़ चुके थे , पैर के पंजे गल गए थे , शरीर पर , पंख का एक भी पीस नही था , एकदम बूढ़ा और मरने के हालात में था वह कौवा, सिकंदर ने इस कौवे से पूछा तुम कोन हो , और ये तुम्हारी हालत किसने की, कौवे ने कहा कि मैं भी तुम्हारी तरह अमर बनने के लिए इस गुफा के झरने का पानी पीने के लिए आया था  , कई साल हो गए मैं , यह ही बैठा हु , न उड़ सकता हु नही चल सकता हु , न भूख लगती है नही प्यास , शरीर भी कमजोर हुवा है , शरीर के ऊपर कुछ भी नही बचा है , खाली जान बची है , मैं भी यह पानी पीने के बाद अमर हो गया , पर कुछ सालो के बाद मैं बूढ़ा होगया , सब कुछ खत्म हो गया , पर जान नही जाती, में भगवान से रोज प्रार्थना करता हु की मुझे मृत्यु दे मैं नही जी सकता ऐसी हालत में, पर मृत्यु नही आ सकेगि क्यों की मैं अमर हु, कौवे ने कहा ये सिकंदर तू ऐसी भूल न कर , जरा सोचले ध्यान से , फिर ये पानी पीना , तुम कुछ सालो के बाद बूढ़े होजावोगे, शरीर में ताकत नहीं बचेगी , तुम तुम्हारा अस्तित्व खत्म होते देखोगे पर कुछ कर नही पावोग , फिर तुम्हे रहने न रहने से कूच फर्क नहीं पड़ेगा ,तुम चहके भी कुछ कर नही पवोगे,और तुम्हारी भी हालत मेरे जैसे हो जायेगी मृत्यू की राह देखोगे और मृत्यु कभी आयेगे नही, तुम पहले जाके ऐसा झरना तलाश करो की कोई भी अमर हुवा जीव उस पानी को पीने से मृत्यू को प्राप्त हो जाए , फिर तुम यह पानी पी सकते हो, क्यों कि मृत्यू ही अंतिम सत्य है ,सभी पीड़ा का अंत मृत्यु ही है , मेरी बात पूरी होगई अब तुम्हारी मर्जी, यह सुनने के बाद सिकंदर की आखें खुल गई , और वह वहा से चला गया , 

बोध ,, की तुम चाहे कितना भी कुछ पलों पूरे विश्व को जीत लो, पर मृत्यु को कभी जीत नही पावोगे. मृत्यु ही अंतिम सत्य है , सारे दुख दर्द , पीड़ा , गर्व अहंकार  लालच पैसा इन सबका अंत मृत्यु ही है , बहुत ज्यादा लालच भी हमको बहुत बड़ा धोका दे सकती है , तब ऐसे समय में , हमारी जीवन में कोई एक  कौवे जैसा दोस्त होना चाहिए , जो हमको सही गलत और उसका परिणाम क्या होगा इसके बारे में बताने के लिए,

। । धन्यवाद। । 


EK CHIDIYA AUR CHIDE KI KAHANI/ एक चिड़िया और चीडे की कहानी।

 एक चिड़िया और चौड़े में प्रेम हो गया, दोनो ने सोचा की अब हमे शादी कर लेनी चाहिए, दोनो ने शादी कर दी अब वह दोनो एक साथ रहने लगे, चिड़िया ने ...